स्वास्थ्य/चिकित्सा: अकेले गेहूं का आटा खाना सेहत के लिए नहीं है फायदेमंद

अकेले गेहूं का आटा खाना सेहत के लिए नहीं है फायदेमंद
स्ट्रीट फूड खाना किसे पसंद नहीं है। मगर जो घर की रोटी कमाल करती है, वह कोई और फूड नहीं कर सकता। लेकिन, आप जानते है कि 12 महीने सिर्फ गेहूं का आटा खाना सेहत के लिए सही नहीं है।

नई दिल्ली, 30 नवंबर (आईएएनएस)। स्ट्रीट फूड खाना किसे पसंद नहीं है। मगर जो घर की रोटी कमाल करती है, वह कोई और फूड नहीं कर सकता। लेकिन, आप जानते है कि 12 महीने सिर्फ गेहूं का आटा खाना सेहत के लिए सही नहीं है।

देश के ज्यादातर घरों में लगभग रोजाना गेहूं के आटे से बनी रोटी खाई जाती है। क्‍या रोजाना गेहूं के आटे से बनी रोटी खाना फायदेमंद है। इसके बारे में जानने के लिए आईएएनएस ने न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना से बात की।

न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया, ''ज्यादातर घरों में आज भी गेहूं के आटे से बनी रोटी खाई जाती है। मगर इसे लगातार खाना सेहत के लिए ठीक नहीं है। इससे सेहत की कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वैसे तो इस आटे में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते है, मगर इसे लगातार नहीं लेना चहिए।''

रिद्धि खन्ना ने आगे कहा, ''वैसे तो गेहूं का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद है। मगर यह शरीर में ग्लूटेन के इनटेक को बढ़ा सकता है, जिससे व्‍यक्ति को डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है।''

उन्‍होंने कहा वैसे तो भारत जैसे देश में पूरे साल एक ही तरह का आटा खाने का चलन नहीं है। मगर शहर की बिजी लाइफ में लोग समय की कमी के कारण ज्यादातर गेहूं के आटे के पैकेट ही इस्‍तेमाल करते हैं। मगर यह सेहत के लिए सही नहीं है।

लगातार गेहूं की रोटी खाने से होने वाले नुकसान पर बात करते हुए न्यूट्रिशनिस्ट ने कहा, ''लगातार इसके सेवन से पाचन क्रिया में परेशानी आ सकती है। गेहूं में मौजूद ग्लूटेन के कारण अक्‍सर कई लोगों के लिए इसे पचाना मुश्किल हो जाता है। इससे भोजन पाचने की समस्याओं के साथ गैस की समस्या की सामना भी करना पड़ सकता है।''

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह वजन बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स से कैलोरी का इनटेक बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को मोटापे जैसी समस्या आने लगती है। इसके साथ ही यह ब्लड शुगर को भी बढ़ाने का काम करती है। जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बना रहता है। इससे साथ ही गेहूं का आटा कोलेस्ट्रॉल के साथ ब्लड प्रेशर के असंतुलन का भी कारण बनता है, जिससे व्‍यक्ति को भविष्‍य में हार्ट डिजीज का खतरा बना रहता है।

गेहूं के आटे के बेस्ट रिप्लेसमेंट के बारे में बात करते हुए कहा, ''इस आटे को अकेले न खाकर इसमें चने का आटा मिलाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें रागी, बाजरा, जौ और मक्का का आटा भी मिलाकर लिया जा सकता है। इसके साथ ही मिलेट्स भी सेहत के लिए एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है।

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Created On :   30 Nov 2024 5:24 PM IST

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