राजनीति: अनुभवों के आधार पर कहा जा सकता है भारत में कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं मदन दिलावर
अजमेर, 30 नवंबर (आईएएनएस)। अजमेर की एक सिविल अदालत ने सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचक महादेव मंदिर होने के दावे से जुड़ी याचिका को स्वीकार किया था। इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। इस पर राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्र मदन दिलावर ने प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अब तक के अनुभव और परिणामों के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि भारत में कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं। जहां तक अजमेर दरगाह का सवाल है, इस पर कोर्ट फैसला करेगा। यदि कोर्ट आदेश देता है कि खुदाई करनी चाहिए, तो मुझे लगता है कि इस प्रक्रिया में मंदिरों के अवशेष मिलने की पूरी संभावना है।"
ज्ञात हो कि अजमेर की एक सिविल अदालत ने 27 नवंबर को सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचक महादेव मंदिर से संबंधित याचिका को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया था। सिविल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 दिसंबर तय की है। यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के सरिता विहार निवासी विष्णु गुप्ता ने वकील शशि रंजन कुमार सिंह के माध्यम से 26 सितंबर को दायर की थी।
बता दें कि इससे पहले मीरवाइज उमर फारूक ने देश में हो रही घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था, "कुछ दिन पहले कोर्ट ने अजमेर शरीफ की ऐतिहासिक दरगाह, हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का भी सर्वे करने का आदेश दिया। इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद और बाबरी मस्जिद को लेकर भी सर्वे के आदेश दिए गए थे।”
उन्होंने कहा, “ये घटनाएं एक बेहद चिंताजनक परिदृश्य को दिखाती हैं। जब कोई व्यक्ति कोर्ट में शिकायत करता है और फिर कोर्ट उन धार्मिक स्थलों का सर्वे कराने का आदेश देता है, तो यह सवाल उठता है कि यह सब किस दिशा में जा रहा है? मुसलमानों के बीच यह चिंता गहराती जा रही है कि कहीं कोई साजिश तो नहीं हो रही है, जिसके जरिए धार्मिक स्थलों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। खासकर उन धार्मिक स्थलों को जो सैकड़ों सालों से मुसलमानों के लिए श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक रहे हैं।”
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Created On :   30 Nov 2024 10:37 PM IST