राजनीति: 'सेंगोल' अपनी सभ्यता के मूल्यों के साथ आगे बढ़ने के लिए है भूपेंद्र यादव

सेंगोल अपनी सभ्यता के मूल्यों के साथ आगे बढ़ने के लिए है  भूपेंद्र यादव
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि जब नया संसद बना तो हमने नई संसद भवन में तमिलनाडु से सेंगोल लाकर स्थापित किया। इसका उद्देश्य देश की अपनी सभ्यता के मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का विषय लाना है। देश की आजादी के समय कांग्रेस को सेंगोल दिया गया था। कांग्रेस ने इसे देश के एक न्याय के प्रतीक के रूप में नहीं मानते हुए वॉकिंग स्टिक के रूप में बदल दिया था।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि जब नया संसद बना तो हमने नई संसद भवन में तमिलनाडु से सेंगोल लाकर स्थापित किया। इसका उद्देश्य देश की अपनी सभ्यता के मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का विषय लाना है। देश की आजादी के समय कांग्रेस को सेंगोल दिया गया था। कांग्रेस ने इसे देश के एक न्याय के प्रतीक के रूप में नहीं मानते हुए वॉकिंग स्टिक के रूप में बदल दिया था।

इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सेंगोल के बारे एक कहानी फैला दी गई है। यह इतिहास नहीं है, यह किसी के हाथ में औपचारिक रूप से नहीं सौंपा गया था। एक समारोह हुआ, कुछ लोग वहां आए, सेंगोल दिया गया। लेकिन, अब इसको लेकर एक नया इतिहास खड़ा कर दिया गया है।

इसके जवाब में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि यह कहानी नहीं है, यह सच्चाई है। जब आजादी मिल रही थी तब लाॅर्ड माउंटबेटन ने पूछा था कि सत्ता के हस्तांतरण में क्या आपके यहां कोई विधि होती है। क्या उस विधि को अपनाया जा सकता है। उस समय सी. राजगोपालाचारी ने चोल डायनेस्टी के सत्ता हस्तांतरण की प्रथा के बारे में चर्चा की थी। उस समय एक विमान तब के मद्रास गया और वहां से चोल डायनेस्टी के उस रीति-रिवाज के मानने वाले लोगों को यहां लाया गया। जवाहरलाल नेहरू को पूजा पाठ के साथ 14 अगस्त 1947 को सेंगोल दिया गया। बाद में सेंगोल को आनंद भवन में रखा गया। उसके बाद म्यूजियम में रखा गया।

जेपी नड्डा ने कहा कि म्यूजियम में इसके साथ लिखा था, जवाहरलाल नेहरू की वॉकिंग स्टिक। विपक्ष के सांसदों ने इस बात को गलत बताते हुए शोर मचाना प्रारंभ कर दिया।

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया वह रामसेतु के केस में सर्वोच्च न्यायालय में वकील थे। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा था कि राम एक्जिस्ट नहीं करते, उनका अस्तित्व नहीं है। संविधान में जहां फंडामेंटल अधिकारों की बात लिखी हुई है, वहां भगवान राम की फोटो लगी हुई है। उसको न देखते हुए आपने लोगों के नागरिक अधिकार छीन लिए थे।

उन्होंने कहा कि ऐसे में बताइए इस देश में कांग्रेस को कौन मानेगा। संविधान की 75 वर्षों के इस यात्रा में यह जो 10 गौरवशाली वर्ष आए हैं, हम निश्चित रूप से इस बुनियाद को आगे बढ़ाते हुए देश की यात्रा में आगे बढ़ेंगे।

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Created On :   17 Dec 2024 4:57 PM IST

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