राजनीति: आम बजट से कोई उम्मीद नहीं पवन बंसल

आम बजट से कोई उम्मीद नहीं  पवन बंसल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। इस पर पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा कि उन्हें इस बजट से कोई उम्मीद नहीं है। वेतन 1.4 प्रतिशत कम हुए हैं। बेरोजगारी दर, विशेषकर नौजवानों में, 45 प्रतिशत से ऊपर चली गई है, जबकि शिक्षित युवाओं में यह 21-22 प्रतिशत है।

चंडीगढ़, 31 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। इस पर पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने कहा कि उन्हें इस बजट से कोई उम्मीद नहीं है। वेतन 1.4 प्रतिशत कम हुए हैं। बेरोजगारी दर, विशेषकर नौजवानों में, 45 प्रतिशत से ऊपर चली गई है, जबकि शिक्षित युवाओं में यह 21-22 प्रतिशत है।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि मोदी सरकार के पिछले 11 वर्षों के रिकॉर्ड को देखते हुए बजट से कुछ उम्मीद की जा सकती है। महंगाई बढ़ती जा रही है, जबकि लोगों की आमदनी कम हुई है। आंकड़ों के अनुसार, वेतन 1.4 प्रतिशत कम हुए हैं। बेरोजगारी दर, विशेषकर नौजवानों में, 45 प्रतिशत से ऊपर चली गई है, जबकि शिक्षित युवाओं में यह 21-22 प्रतिशत है। ये आंकड़े चिंताजनक हैं। जॉब क्रिएशन की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में यूपीए के समय के मुकाबले रोजगार कम हुआ है। आबादी और वर्कफोर्स बढ़ रही है, नौकरियां घट रही हैं।"

उन्होंने आगे कहा, " महंगाई हर चीज में बढ़ रही है, लेकिन जीडीपी ग्रोथ रेट औसत 8 से गिरकर 6 प्रतिशत पर आ गई है, जो गरीबी और बेरोजगारी को कम नहीं कर सकती। हमें कम से कम 8 प्रतिशत ग्रोथ रेट की जरूरत है, ताकि नौजवानों को रोजगार मिल सके। तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव से और भी नौकरियां खतरे में हैं। मैन्युफैक्चरिंग और उद्योग में नौकरियां कम हुई हैं, जबकि कृषि क्षेत्र में बढ़ी हैं, जहां उत्पादकता कम है। टैक्स स्लैब की बात करें तो, पेट्रोल और डीजल पर टैक्स क्रमश: 100 और 340 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। जीएसटी की जल्दबाजी ने भी जनता पर बोझ बढ़ाया है।"

उन्होंने अंत में कहा, "हमें ऐसी नीतियों की जरूरत है, जो सेविंग्स, इन्वेस्टमेंट और कंजम्पशन को बढ़ावा दें, न कि केवल कुछ बड़े घरानों को फायदा पहुंचाएं। कोविड के दौरान जब सभी नुकसान में थे, तब भी कुछ बड़े कारोबारियों को फायदा हुआ। यह क्रोनी कैपिटलिज्म का उदाहरण है। सरकार को आम जनता के लिए सोचना चाहिए, न कि सिर्फ टैक्स बढ़ाने के बारे में।"

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Created On :   31 Jan 2025 11:53 PM IST

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