राजनीति: धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण समाज के आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक सीएम योगी

धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण समाज के आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक  सीएम योगी
तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यमकेश्वर स्थित ग्राम तल्ला बनास में आयोजित धार्मिक आयोजन में भाग लिया। उन्होंने वनवासी श्रीराम मंदिर और वासिनी देवी मंदिर की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा में सहभागिता की और स्थानीय जनता से संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण समाज के आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक है।

पौड़ी गढ़वाल, 6 फरवरी (आईएएनएस)। तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यमकेश्वर स्थित ग्राम तल्ला बनास में आयोजित धार्मिक आयोजन में भाग लिया। उन्होंने वनवासी श्रीराम मंदिर और वासिनी देवी मंदिर की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा में सहभागिता की और स्थानीय जनता से संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण समाज के आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले देहरादून पहुंचे, जहां से वह हेलीकॉप्टर के माध्यम से यमकेश्वर के तल्ला बनास गांव पहुंचे। यहां ग्रामीणों और भक्तों ने उनका जोरदार स्वागत किया। योगी आदित्यनाथ ने मां गढ़वासिनी मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की और मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आध्यात्मिक परंपराएं हमें संयम, सेवा और समर्पण का संदेश देती हैं। धार्मिक स्थलों का संरक्षण और पुनरुद्धार केवल आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल केवल पूजा-अर्चना के स्थान नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रमाण भी हैं। हमें इन धरोहरों के संरक्षण के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड की देवभूमि की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि यह भूमि संतों, तपस्वियों और ऋषियों की साधना स्थली रही है। यहां की आध्यात्मिक शक्ति संपूर्ण भारत को मार्गदर्शन देती है।

इस आयोजन में हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रसिद्ध जागर गायक प्रीतम बर्थवाण और लोक गायिका माधुरी बड़थ्वाल ने भी अपनी प्रस्तुति से भक्तों को मंत्रमुग्ध किया।

समारोह के आयोजक आलम सिंह नेगी और उनकी पत्नी दर्शिनी देवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विशाल त्रिशूल भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां के मंदिरों का आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व पूरे भारत के लिए प्रेरणादायक है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तल्ला बनास के ग्रामीणों के साथ रुद्राक्ष के पौधों का रोपण भी किया। उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष का वृक्ष केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होता है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक पौधरोपण करें और प्रकृति के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गुरु गोरखनाथ डिग्री कॉलेज में 100 फीट ऊंचे तिरंगा पार्क का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रध्वज देश के गौरव और सम्मान का प्रतीक है। यह तिरंगा न केवल देशभक्ति की भावना को प्रेरित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश भी देगा।

इस ऐतिहासिक अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनके द्वारा किए गए धार्मिक और पर्यावरणीय कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस दौरे से स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के साथ मिलकर भक्ति और श्रद्धा के वातावरण को और भी भव्य बना दिया। श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान से धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस धार्मिक कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाया।

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Created On :   6 Feb 2025 2:45 PM IST

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