राजनीति: सीवीसी की जांच के बाद सामने आएगा सच, भ्रष्टाचारियों की खुलेगी पोल विजेंद्र गुप्ता 

सीवीसी की जांच के बाद सामने आएगा सच, भ्रष्टाचारियों की खुलेगी पोल  विजेंद्र गुप्ता 
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले की जांच के आदेश देने पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि जांच के बाद सच सामने आएगा और भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी।

नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले की जांच के आदेश देने पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि जांच के बाद सच सामने आएगा और भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी।

दिल्ली की रोहिणी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "यह एक गंभीर मामला है। सेंट्रल विजिलेंस कमिशन के आदेश का स्वागत करता हूं। लोगों को न्याय मिलेगा, सच सामने आएगा, झूठ और भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी। इन लोगों ने दिल्ली को ठगा, यहां के लोगों के अरमानों को लूटा है। दिल्ली के लोगों के साथ खिलवाड़ और जनता की भावना के साथ विश्वासघात किया है। इन लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। अब उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल ने कहा, "मेरे हिसाब से इस मामले के दो पहलू बनते हैं। पहला यह कि उस वक्त के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक आलीशान मकान बनवाया और वह उसमें रहना चाह रहे थे। सवाल यह है कि उन्होंने जो काम करवाया, वह कानूनन करवा सकते थे या नहीं? अगर वह इतना पैसा नहीं खर्च कर सकते थे, जितना किया, तो उसकी जांच करनी होगी।

"दूसरी बात यह है कि बिल्डिंग बनाने में कोई घपला हुआ है या नहीं? कितने पैसों का काम वहां पर हुआ है? इसकी जांच करानी चाहिए। स्वतंत्र रूप से इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन भाजपा वालों की ऐसे हालात में राजनीतिक फायदा उठाने की आदत है। वे अपने प्रतिद्वंदियों को परेशान करने में लगे रहते हैं।"

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी को यह जांच करनी है कि क्या इस आलीशान महल (जिसे 'शीश महल' कहा जा रहा है) के निर्माण में भवन निर्माण के नियमों की अनदेखी की गई थी। इस बंगले का नवीनीकरण 40,000 वर्ग गज (करीब आठ एकड़) में किया गया है और आरोप है कि इसके निर्माण के दौरान कई नियमों की अवहेलना की गई।

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Created On :   15 Feb 2025 10:41 PM IST

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