राजनीति: उर्दू किसी जाति-बिरादरी की नहीं, देश की भाषा है अवधेश प्रसाद

उर्दू किसी जाति-बिरादरी की नहीं, देश की भाषा है  अवधेश प्रसाद
समाजवादी पार्टी (सपा) के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि उर्दू किसी जाति-बिरादरी की भाषा नहीं है। यह प्रेम, मोहब्बत और सम्मान की भाषा है। उर्दू हमारे देश की सबसे अच्छी भाषा है।

अयोध्या, 21 फरवरी (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि उर्दू किसी जाति-बिरादरी की भाषा नहीं है। यह प्रेम, मोहब्बत और सम्मान की भाषा है। उर्दू हमारे देश की सबसे अच्छी भाषा है।

उन्होंने कहा कि तमाम ऐसे रिकॉर्ड कचहरी में उर्दू में हैं। उर्दू से उन लोगों को परेशानी है, जो हिंदू-मुस्लिम करके राजनीति करते हैं। इसके अलावा किसी को परेशानी नहीं है। उर्दू हमारे देश की सबसे अच्छी भाषा है। इसमें हिंदी के तमाम शब्द हैं। इसे लोग अपने भाषण में प्रयोग करते हैं। यह चलन की भाषा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के 'कठमुल्लापन' के बयान पर कहा कि उनका बयान किसी साधु-संन्यासी का नहीं हो सकता है। उत्तर प्रदेश का गौरवशाली इतिहास है। इस प्रदेश ने सात-सात प्रधानमंत्री दिए हैं। यहां गंगा-जमुनी संस्कृति है। यह प्रदेश के मुख्यमंत्री की भाषा नहीं हो सकती है। वह इस समय थोड़ा डिस्टर्ब हैं। महाकुंभ में असंख्य लोग मर गए। वह सवालों के घेरे में हैं। इस कारण वह डिस्टर्ब हैं और अनाप-शनाप बोल रहे हैं। हम उनकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी, पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि सपा अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाएगी और जब सरकार आम जनता के बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने की बात करती है, तो ये लोग उर्दू थोपने की वकालत करने लगते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा देश को 'कठमुल्लापन' की ओर ले जाना चाहती है, जो कतई स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने प्रदेश की स्थानीय बोलियों, भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी, को विधानसभा की कार्यवाही में स्थान देने के फैसले का स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि इन बोलियों को हिंदी की उपभाषाएं मानते हुए सरकार इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार इन भाषाओं के लिए अलग-अलग अकादमियों का गठन कर रही है, ताकि ये समृद्ध हों। ये हिंदी की बेटियां हैं और इन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए।

--आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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Created On :   21 Feb 2025 6:00 PM IST

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