राजनीति: बजट के लोगो से रुपये का चिह्न हटाने पर गौरव वल्लभ ने तमिलनाडु सरकार को घेरा

बजट के लोगो से रुपये का चिह्न हटाने पर गौरव वल्लभ ने तमिलनाडु सरकार को घेरा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर तीखा हमला किया और उनकी सरकार पर राज्य के बजट दस्तावेजों में रुपये के लिए देवनागरी लिपि के प्रतीक चिह्न को तमिल अक्षर से बदलकर "भारतीय संविधान को कमजोर करने" का आरोप लगाया।

नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर तीखा हमला किया और उनकी सरकार पर राज्य के बजट दस्तावेजों में रुपये के लिए देवनागरी लिपि के प्रतीक चिह्न को तमिल अक्षर से बदलकर "भारतीय संविधान को कमजोर करने" का आरोप लगाया।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए गौरव वल्लभ ने कहा, "यह कृत्य भारतीय संविधान की उपेक्षा के बराबर है। यह तमिलनाडु के लोगों की भी अवहेलना करता है, क्योंकि यह एक तमिल ने ही रुपये के आधिकारिक प्रतीक को डिजाइन किया था। मुख्यमंत्री स्टालिन इस तथ्य से अनजान हैं और इसकी बजाय देश की संप्रभुता के साथ राजनीति कर रहे हैं।"

भाजपा नेता ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आलोचना करते हुए, वह भारतीय रुपये के प्रति अवमानना ​​दिखाते हैं। तमिलनाडु के लोग उनकी हरकतों पर करीब से नजर रख रहे हैं, क्योंकि वह राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि भाजपा तमिल संस्कृति और भाषा का सम्मान करती है। गौरव वल्लभ ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जहां तक ​​तमिल संस्कृति और भाषा का सवाल है, उन्हें बचाने और बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पीएम मोदी खुद तमिल विरासत को सर्वोच्च सम्मान देते हैं।"

भाजपा प्रवक्ता ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, "तमिलनाडु के युवा और लोग आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री स्टालिन को करारा जवाब देंगे। देश की संप्रभुता और संविधान को चुनौती देकर, वह एक सीमा पार कर रहे हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।"

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु सरकार द्वारा मानक रुपये के प्रतीक चिह्न को बदलने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब राज्य प्रशासन और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच "हिंदी थोपने" के मुद्दे पर तनाव बढ़ गया है।

द्रमुक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की मुखर आलोचक रही है, जो तीन-भाषा फार्मूले को बढ़ावा देती है। पार्टी का तर्क है कि इससे गैर-हिंदी भाषी राज्यों को हिंदी को अपनाने पर मजबूर किया जाएगा। मुख्यमंत्री स्टालिन ने तर्क दिया है कि यह केंद्र द्वारा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का प्रयास है, जबकि केंद्र सरकार ने इस दावे का बार-बार खंडन किया है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 March 2025 11:03 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story