राष्ट्रीय: भारतीय सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ब्रिटेन में 'द फ्रेड डारिंगटन' सैंड मास्टर पुरस्कार से सम्मानित

भारतीय सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ब्रिटेन में द फ्रेड डारिंगटन सैंड मास्टर पुरस्कार से सम्मानित
भारतीय सैंड आर्ट के दिग्गज सुदर्शन पटनायक को ब्रिटेन में "द फ्रेड डारिंगटन" के प्रथम ब्रिटिश सैंड मास्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें सैंड आर्ट में उनके योगदान के लिए दिया गया है। ब्रिटेन के वेमाउथ में आयोजित सैंड वर्ल्ड 2025 अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल के दौरान उन्हें यह पुरस्कार दिया गया।

लंदन, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय सैंड आर्ट के दिग्गज सुदर्शन पटनायक को ब्रिटेन में "द फ्रेड डारिंगटन" के प्रथम ब्रिटिश सैंड मास्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें सैंड आर्ट में उनके योगदान के लिए दिया गया है। ब्रिटेन के वेमाउथ में आयोजित सैंड वर्ल्ड 2025 अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल के दौरान उन्हें यह पुरस्कार दिया गया।

सुदर्शन पटनायक ने इस फेस्टिवल में भगवान गणेश की 10 फीट ऊंची रेत की मूर्ति बनाई थी, जिस पर "विश्व शांति" का संदेश लिखा था। इस वर्ष के फेस्टिवल में कई अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से श्री फ्रेड डारिंगटन की 100वीं शताब्दी के अवसर पर किया गया, जो एक प्रसिद्ध सैंड स्कल्प्टर थे।

पुरस्कार समारोह में वेमाउथ के मेयर जॉन ओरेल ने सुदर्शन पटनायक को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार और पदक प्रदान किया। सैंड वर्ल्ड के निदेशक मार्क एंडरसन और सह-संस्थापक डेविड हिक्स भी इस मौके पर मौजूद थे। भारतीय उच्चायोग के नोरेम जे. सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

यह विशेष पुरस्कार भारतीय कलाकारों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि यह पहली बार था जब किसी भारतीय कलाकार को यह सम्मान दिया गया। सुदर्शन पटनायक ने अब तक 65 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रेत मूर्तिकला चैंपियनशिप और उत्सवों में भाग लिया है, और उन्होंने विश्वभर में कई पुरस्कार जीते हैं। उनकी कला की विशेषता उनके अद्वितीय शिल्प कौशल और उनकी क्षमता है, जिससे वे रेत को जीवंत रूप दे देते हैं।

उल्लेखनीय है कि सुदर्शन पटनायक बेहतरीन कलाकृति बनाने के लिए जाने जाते हैं। वह हमेशा समसामयिक मुद्दों पर अपनी कला से सबका ध्यान खींचते रहे हैं। उनकी इन उपलब्धियों के लिए वह कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। भारतीय संस्कृति और कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में उनका बड़ा योगदान रहा है।

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Created On :   5 April 2025 11:09 PM IST

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