रक्षा: डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने विराट कोहली का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे एयरफील्ड को निशाना बनाना बहुत कठिन'

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने विराट कोहली का जिक्र करते हुए कहा, हमारे एयरफील्ड को निशाना बनाना बहुत कठिन
देश के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की जानकारी साझा करते हुए विराट कोहली के रिटायरमेंट की चर्चा की।

नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। देश के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की जानकारी साझा करते हुए विराट कोहली के रिटायरमेंट की चर्चा की।

डीजीएमओ ने भारतीय वायु रक्षा प्रणाली और 1970 के दशक की ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की गेंदबाजी लाइनअप के बीच तुलना की और कहा कि पाकिस्तानी ड्रोनों के लिए भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों को भेदना “बहुत कठिन” था।

उन्होंने कहा, "हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत मुश्किल है। मैंने देखा कि विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है, वह मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं। 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज के दौरान दो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप को तहस-नहस कर दिया था और तब ऑस्ट्रेलिया ने एक कहावत गढ़ी थी, 'राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता, तो लिली तुम्हें पकड़ लेगी'। अगर आप परतें देखेंगे, तो समझ जाएंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं। भले ही आप सभी परतों को पार कर लें, लेकिन इस ग्रिड सिस्टम की एक परत आपको जरूर प्रभावित करेगी।"

डीजीएमओ ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि पाकिस्तान सीमा पार से हमला करेगा। हमने अपनी वायु रक्षा प्रणाली तैयार कर ली थी। हमारे पास काउंटर-मैन्ड एरियल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के साधन और वायु सेना की प्रणालियों के साथ वायु रक्षा हथियारों का एक अनूठा मिश्रण है। जब 9-10 मई की रात को पाकिस्तान ने हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक प्रतिष्ठानों पर बार-बार हमला किया, तो वे इस मजबूत वायु रक्षा ग्रिड के सामने विफल हो गए। पाकिस्तान के पास बहु-स्तरीय वायु रक्षा को भेदने का कोई मौका नहीं था।"

भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा, "हमारी लड़ाई आतंकवादियों के साथ है, न कि पाकिस्तानी सेना के साथ। लेकिन अगर पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ दिया, तो हमने उसका जवाब दिया। नुकसान की जिम्मेदारी उनकी है।"

उन्होंने रामचरित मानस के सुंदर कांड की पंक्तियों का जिक्र करते हुए कहा, "विनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति।" इन पंक्तियों के जरिए उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत की शांति और संयम को उसकी कमजोरी न समझा जाए। उनके इस कथन ने हर भारतीय के मन में गर्व और आत्मविश्वास जगाया।

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Created On :   12 May 2025 4:38 PM IST

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