राजनीति: 'लोकतंत्र की आवाज दबाने की साजिश', राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के कन्हैया कुमार

लोकतंत्र की आवाज दबाने की साजिश, राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के कन्हैया कुमार
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बिहार दौरे को लेकर गुरुवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। राहुल गांधी के काफिले को प्रशासन द्वारा दरभंगा में रोके जाने के बाद तनाव बढ़ गया। राहुल के काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया।

पटना, 15 मई (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बिहार दौरे को लेकर गुरुवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। राहुल गांधी के काफिले को प्रशासन द्वारा दरभंगा में रोके जाने के बाद तनाव बढ़ गया। राहुल के काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया।

कन्हैया कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह बहुत ही दुखद है कि बिहार जैसे राज्य में, जो सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की धरती है, वहां नेता प्रतिपक्ष को दरभंगा के अंबेडकर छात्रावास में छात्रों से मिलने नहीं दिया गया। ये वही छात्र थे जो दलित समुदाय से आते हैं और उन्होंने खुद राहुल गांधी को आमंत्रित किया था ताकि वे अपनी समस्याएं रख सकें। लेकिन, राज्य सरकार ने इस आवाज को दबाने की कोशिश की। बिहार में यह जो डबल इंजन की सरकार है, यह पूरी तरह से फर्जी है। यह सरकार न सिर्फ सामाजिक न्याय विरोधी है, बल्कि शिक्षा विरोधी और छात्र विरोधी भी है। लेकिन, हम पहले ही तय कर चुके हैं कि दुनिया की कोई ताकत न्याय की आवाज को नहीं दबा सकती।"

कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि राहुल गांधी दरभंगा से पटना लौट रहे हैं, जहां 'फूले' फिल्म की स्क्रीनिंग होगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि विभिन्न सामाजिक आंदोलनों से जुड़े लोग भी भाग लेंगे। यह केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का प्रयास है।

जब पूछा गया कि फूले मूवी की स्क्रीनिंग के लिए बिहार को ही क्यों चुना गया, तो कन्हैया ने कहा कि आप जानते हैं कि इस फिल्म को रिलीज़ होने से रोकने की कोशिश की गई थी। सेंसर बोर्ड से लेकर सिनेमा हॉल तक, हर जगह इसे दबाया गया। आज भी यह फिल्म केवल कुछ गिने-चुने सिनेमाघरों में लग रही है। इसलिए हमने बिहार में इसका प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। सवाल यह भी है कि एक नेता को छात्रावास जाने से प्रशासन क्यों रोकता है? क्या अब हमें अपने ही राज्य में आने-जाने के लिए वीजा लेना पड़ेगा?

कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप बिहार की लोकतांत्रिक मिट्टी पर तानाशाही थोपना चाहते हैं, तो जान लीजिए कि इस धरती पर न कभी तानाशाही चली है और न ही चलेगी। लोकतंत्र की आवाज़ को दबाने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी।

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Created On :   15 May 2025 8:30 PM IST

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