अंतरराष्ट्रीय: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जुलाई 2024 के हिंसक राष्ट्रव्यापी विद्रोह में उनकी कथित भूमिका को लेकर देश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा मानवता के खिलाफ अपराध का औपचारिक रूप से आरोप लगाया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गई है।

ढाका, 1 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जुलाई 2024 के हिंसक राष्ट्रव्यापी विद्रोह में उनकी कथित भूमिका को लेकर देश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा मानवता के खिलाफ अपराध का औपचारिक रूप से आरोप लगाया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गई है।

रविवार को सार्वजनिक किए गए ये आरोप बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत हैं। निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा लाइव टेलीविजन कवरेज के साथ शुरू हुआ।

हसीना के साथ, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया गया है।

न्यायाधिकरण को रविवार के सत्र में अभियोजकों की ओर से आरोपों का औपचारिक प्रस्तुतिकरण प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया कि हसीना पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त के दौरान देश में फैली व्यापक हिंसा को भड़काने की मुख्य जिम्मेदार थीं।

बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'द ढाका ट्रिब्यून' ने बताया कि 12 मई को प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि हसीना ने हत्याओं का सीधे आदेश दिया था।

जांच में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सरकारी सुरक्षा बलों, अपने राजनीतिक दल के सदस्यों और संबद्ध संगठनों को सरकार विरोधी प्रदर्शनों की बढ़ती लहर के खिलाफ क्रूर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

बांग्लादेश के आईसीटी के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने हाई-प्रोफाइल टेलीविजन सुनवाई के दौरान कहा, "ये योजनाबद्ध हत्याएं थीं।"

उन्होंने साक्ष्य के रूप में वीडियो रिकॉर्डिंग और एन्क्रिप्टेड संचार प्रस्तुत किया और दावा किया कि इनसे हसीना की 'एक समन्वित, व्यापक और व्यवस्थित हमले' की साजिश की पुष्टि होती है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, "तत्कालीन सरकार प्रमुख के रूप में कार्यरत हसीना ने अशांति के उच्चतम स्तर के दौरान अपने नेतृत्व में सुरक्षा बलों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाइयों के लिए कमान की जिम्मेदारी संभाली थी।"

ताजुल इस्लाम ने न्यायाधिकरण को बताया, "उन्होंने विद्रोह को कुचलने के लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अपने सशस्त्र दल के सदस्यों को तैनात कर दिया।"

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब कुछ सप्ताह पहले ही अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व वर्तमान में मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत हसीना की पार्टी 'अवामी लीग' की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन, जो 2024 की शुरुआत में एक विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली का विरोध करने वाले छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों से शुरू हुआ था, जल्द ही हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए एक व्यापक आंदोलन में बदल गया।

इसके बाद 5 अगस्त तक भारी दबाव का सामना करते हुए हसीना ने पद छोड़ दिया और नई दिल्ली चली गईं। वह दिल्ली में आत्म-निर्वासन में रह रही हैं।

अक्टूबर 2024 में, आईसीटी ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और औपचारिक रूप से भारत से उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया।

-आईएएनएस

पीएके/एकेजे

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   1 Jun 2025 10:09 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story