राष्ट्रीय: चार देशों की यात्रा से लौटने के बाद विदेश मंत्री से मिला सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल
दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रवादी क्रांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) से सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में चार देशों के दौर पर गया सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत लौटने के बाद शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिला। विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान सभी चार देशों से आंतकवाद पर भारत के रूख पर मिली प्रतिक्रिया से उन्हें अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल वी मुरलीधरन ने कहा, "सुप्रिया सुले के नेतृत्व में 4 देशों के दौरे पर हम गए थे। सभी 4 देशों में वहां के प्रतिनिधियों से जो हमारी बात हुई, उससे हमने विदेश मंत्री को अवगत कराया।"
उन्होंने कहा, "हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष सभी देशों के सामने रखा था। वहां, हमें मजबूत समर्थन मिला। इसका जिक्र हमने विदेश मंत्री के साथ किया। हमने विदेश मंत्री को कोई लिखित रिपोर्ट नहीं सौंपी है, जो भी बात हुई है वह मौखिक हुई है।"
सप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी, अनुराग ठाकुर और वी. मुरलीधरन, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और आनंद शर्मा, टीडीपी नेता लवू श्री कृष्ण देवरायलु, एएपी नेता विक्रमजीत सिंह साहनी और पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन शामिल थे।
इस प्रतिनिधिमंडल ने कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल 4 देशों के लगभग दस दिन के दौरे के बाद 5 जून को भारत पहुंचा।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। हमले में पाकिस्तान समर्थित आंतकवादी संगठन का हाथ था। भारतीय सेना ने 7 जून को जवाबी कार्रवाई की थी और 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पीओके और पाकिस्तान के अंदर धुसकर 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे। पाकिस्तान के किसी आम नागरिक को इस दौरान कोई क्षति नहीं पहुंची। लेकिन, पाकिस्तान ने इसे खुद पर कार्रवाई मानते हुए भारत पर अटैक किया, जिस पर भारतीय सेना की तरफ से जोरदार जवाब दिया गया। दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से सीजफायर के बाद युद्ध जैसी स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।
सीजफायर के बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' समाप्त नहीं हुआ है। भारत पर कोई भी अगला आतंकी हमला युद्ध के रूप में देखा जाएगा और हम किसी भी परमाणु हमले की धमकी से नहीं डरेंगे। प्रधानमंत्री के इसी संदेश को समझाने के लिए सांसदों का 7 प्रतिनिधिमंडल, जिसमें हर दल के सांसदों के साथ-साथ कुछ वरिष्ठ राजनयिक भी थे, विश्व के अलग-अलग देशों के दौरे पर थे।
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Created On :   6 Jun 2025 7:36 PM IST