राजनीति: यह नई बात नहीं, चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन होता है अशोक चौधरी

यह नई बात नहीं, चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन होता है  अशोक चौधरी
बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की टीम वोटर्स लिस्ट का वेरिफिकेशन करेगी। इस दौरान उन युवाओं को इस वोटर लिस्ट में जोड़ा जाएगा जो 18 साल के हो गए हैं और उनका नाम लिस्ट से काटा जाएगा, जिनके पास एक से अधिक वोटर कार्ड हैं। इस लिस्ट से उनका नाम भी हटाया जाएगा, जिनका निधन हो गया है।

पटना, 27 जून (आईएएनएस)। बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की टीम वोटर्स लिस्ट का वेरिफिकेशन करेगी। इस दौरान उन युवाओं को इस वोटर लिस्ट में जोड़ा जाएगा जो 18 साल के हो गए हैं और उनका नाम लिस्ट से काटा जाएगा, जिनके पास एक से अधिक वोटर कार्ड हैं। इस लिस्ट से उनका नाम भी हटाया जाएगा, जिनका निधन हो गया है।

मतदाता सूची के वेरिफिकेशन को लेकर विपक्ष ने अपनी चिंता जाहिर की है और इसे लोकतंत्र पर खतरा बताया है। विपक्ष के आरोपों पर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना है। उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि यह नई बात नहीं, चुनाव होने से पहले मतदाता सूची में संशोधन होता है।

मंत्री अशोक चौधरी ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसे चुनाव आयोग जब भी चुनाव होते हैं, चाहे विधानसभा के हों या लोकसभा के, इस प्रक्रिया का पालन किया जाता है। हर महीने, हर दिन नए मतदाता 18 साल के हो जाते हैं, और उन्हें वोट देने का अधिकार होता है। जो 18 साल के हो जाते हैं, उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ दिया जाता है और जिनका निधन हो जाता है उन्हें सूची से हटा दिया जाता है। यह चुनाव आयोग की एक मानक प्रक्रिया है। यह कोई नई बात नहीं है। हर बार चुनाव होने से पहले मतदाता सूची में संशोधन किया जाता है।

कांग्रेस के आरोप पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि 1977 के बाद से धीरे-धीरे भारत से उनका वजूद क्यों कम होता गया। कांग्रेस के समय में दूसरा राजनीतिक दल नहीं था। कांग्रेस को इस पर भी मंथन करने की जरूरत है कि कभी बिहार में उनके 200 विधायक होते थे, आज पांच विधायक भी जीतने के लिए संघर्ष करते हैं। एक कांग्रेस पार्टी जिसने भारत को आजादी दिलाने में भूमिका निभाई, उसकी स्थिति तब से लेकर अब क्या हो गई है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को इस पर विचार करना चाहिए।

बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र रखने की मंजूरी दे दी है, जब इस पर मंत्री अशोक चौधरी से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि जो लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे उन्हें मंजूरी दी जाएगी। हालांकि, सभी को यह मंजूरी नहीं दी जाएगी। इसके लिए दिशा-निर्देश हैं।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   27 Jun 2025 9:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story