राजनीति: 'मजहबी तुष्टिकरण का नया बहाना है बाबा बागेश्वर पर निशाना', अखिलेश यादव को राकेश त्रिपाठी का जवाब

मजहबी तुष्टिकरण का नया बहाना है बाबा बागेश्वर पर निशाना, अखिलेश यादव को राकेश त्रिपाठी का जवाब
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की हालिया टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। इटावा की घटना के बाद सपा प्रमुख ने हाल ही में 'कथावाचकों' की फीस पर टिप्पणी की और बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर कटाक्ष किया था। इस पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने जवाब दिया है।

लखनऊ, 30 जून (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की हालिया टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। इटावा की घटना के बाद सपा प्रमुख ने हाल ही में 'कथावाचकों' की फीस पर टिप्पणी की और बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर कटाक्ष किया था। इस पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने जवाब दिया है।

कथावाचकों पर अखिलेश यादव का बयान इटावा की हालिया घटना के बाद आया है, जहां दो कथावाचकों के साथ कथित तौर पर मारपीट हुई थी। अपने ताजा बयान में अखिलेश यादव ने कहा था, "कई कथावाचक 50 लाख रुपए लेते हैं। धीरेंद्र शास्त्री अंडर टेबल लेते होंगे, पता कर लीजिए।" हालांकि उनके इस बयान पर विवाद लगातार बढ़ रहा है।

राकेश त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि बाबा बागेश्वर पर निशाना साधकर सपा प्रमुख मजहबी तुष्टिकरण की कोशिश कर रहे हैं। एक बयान में भाजपा नेता ने कहा, "बाबा बागेश्वर पर निशाना है, लेकिन असली मकसद सनातन की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। मजहबी तुष्टिकरण के भरोसे (एक वर्ग को) गोलबंद करना है।"

उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के बहाने अखिलेश यादव देश के तमाम साधु-संतों और कथावाचकों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। उनको लगता है कि इस अपमान से एक मजहबी गोलबंदी और मजहबी तुष्टिकरण होता है। जानबूझकर उनकी पार्टी के नेता हिंदू धर्मग्रंथों, कथावाचकों की जातियों और साधु-संतों पर टिप्पणियां करते हैं।

भाजपा नेता ने कहा, "अखिलेश यादव की यह कोशिश समाज को बांटने वाली है, यह सोच विभाजनकारी है। इससे समाज को नुकसान पहुंचता है। इससे समाजवादी पार्टी को भी कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। इसलिए सनातन धर्म और साधु-संतों पर इस तरह की टिप्पणियां बंद करें।"

भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने भी अखिलेश यादव को जवाब दिया है। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म से जुड़ी आस्थाओं पर वार करने की अखिलेश की पुरानी आदत है। अगर अखिलेश में हिम्मत है तो किसी विधर्मी अथवा मुस्लिम धर्माचार्य के खिलाफ कुछ बोलकर देखें। लेकिन हिंदू सनातन धर्म इतना सहनशील है कि उस पर कोई भी कुछ भी बिना सोचे-समझे बोल देता है।"

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Created On :   30 Jun 2025 7:29 PM IST

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