राजनीति: 'आप' पार्षदों का एमसीडी सदन में प्रदर्शन, भाजपा पर दलितों का हक छीनने का लगाया आरोप

आप पार्षदों का एमसीडी सदन में प्रदर्शन, भाजपा पर दलितों का हक छीनने का लगाया आरोप
दिल्ली नगर निगम की एससी कमेटी में सदस्यों की संख्या कम करने के खिलाफ गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विशेष और तदर्थ कमेटियों के सदस्यों के चयन को लेकर आहुत सदन में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के नेतृत्व में 'आप' पार्षदों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना विरोध जताया।

नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम की एससी कमेटी में सदस्यों की संख्या कम करने के खिलाफ गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विशेष और तदर्थ कमेटियों के सदस्यों के चयन को लेकर आहुत सदन में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के नेतृत्व में 'आप' पार्षदों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना विरोध जताया।

'आप' पार्षदों ने एससी कमेटी को पहले की तरह ही 35 सदस्यीय बनाने की मांग की, ताकि दलित समाज को अपनी आवाज उठाने के लिए पूरा अधिकार मिल सके। इस दौरान अंकुश नारंग ने कहा कि सत्ता की लालची भाजपा ने सिर्फ अपना चेयरमैन बनाने के लिए एससी कमेटी को 35 से घटाकर 21 सदस्यीय कर दिया है। यह दलितों के अधिकारों पर हमला है। एक बार फिर साबित हो गया कि भाजपा दलित विरोधी है और सत्ता के लिए दलितों का हक छीनने से भी उसे कोई गुरेज नहीं है।

दरअसल, गुरुवार को सिविक सेंटर स्थित एमसीडी मुख्यालय में स्पेशल सदन की बैठक हुई। इस दौरान विशेष और तदर्थ समितियों के सदस्यों के चयन की प्रक्रिया संपन्न हुई, लेकिन 35 सदस्यीय एससी समिति को घटाकर सिर्फ 21 सदस्यीय कर दिया।

इस पर नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि पिछले सदन में एससी समिति में भाजपा ने संशोधन किया और 35 सदस्यों की जगह 21 सदस्य कर दिए गए। यह संशोधन सिर्फ इस एक समिति में किया गया, जो नहीं होना चाहिए था। भाजपा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके पास वर्तमान में केवल 9 पार्षद अनुसूचित जाति से हैं। अगर 35 सदस्यों वाली समिति होती, तो उनके 16 और 'आप' के 13 सदस्य होते, लेकिन उनके पास 16 पार्षद नहीं थे।

अंकुश नारंग ने कहा कि सिर्फ अपना चेयरमैन बनाने के लिए भाजपा ने 35 सदस्यों को घटाकर 21 कर दिया। इससे उन 14 दलित पार्षदों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया, जो अपने इलाके और दलित समाज की आवाज उठा सकते थे। भाजपा ने दलितों के अधिकारों का हनन किया और उनके अधिकार छीने। ये 14 पार्षद समिति में जाकर अपने क्षेत्र और समाज की आवाज उठा सकते थे। सिर्फ एक समिति में संशोधन किया गया, जो गलत है। इतने वर्षों से एससी-एसटी कल्याण समिति चलती आ रही थी।

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Created On :   24 July 2025 10:47 PM IST

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