राजनीति: पीएमएफएमई योजना से गांव में स्थापित किया डेयरी फार्म, पीएम मोदी का जताया आभार

पीएमएफएमई योजना से गांव में स्थापित किया डेयरी फार्म, पीएम मोदी का जताया आभार
बिहार बदल रहा है क्योंकि अब बिहार के युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ रहा। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) ने बिहार के युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें दूसरों को भी रोजगार देने का अवसर प्रदान किया है।

पूर्वी चंपारण, 26 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार बदल रहा है क्योंकि अब बिहार के युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ रहा। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) ने बिहार के युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें दूसरों को भी रोजगार देने का अवसर प्रदान किया है।

बिहार के पूर्वी चंपारण के युवा इस योजना का भरपूर लाभ उठा रहे हैं और छोटी-छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित कर अपनी जिंदगी को नया आयाम दे रहे हैं। मोतिहारी के बसामन भवानीपुर गांव के अरुण प्रसाद कुशवाहा इसका जीवंत उदाहरण हैं। अरुण प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि पीएमएफएमई योजना के तहत ऋण लेकर अपने गांव में डेयरी फार्म यूनिट स्थापित की। आज उनकी इकाई दूध, दही, पनीर, लस्सी और रबड़ी जैसे उत्पादों का उत्पादन और पैकेजिंग कर रही है, जिन्हें बाजार में निर्यात किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से वह हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपये कमा रहे हैं। पहले वह खेती-बाड़ी करते थे, लेकिन उससे गुजारा नहीं हो पा रहा था। नौकरी की तलाश में कई दिन बीत गए, पर सफलता नहीं मिली। एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने एसबीआई छतौनी शाखा से संपर्क किया। शाखा प्रबंधक ने हमें पीएमएफएमई योजना के बारे में बताया और ऋण स्वीकृति में सहयोग किया। आज हमारे डेयरी इकाई में आज 15-20 लोग दूध की आपूर्ति करते हैं।

इसके अलावा, 5-6 कर्मचारी उत्पादन में और 4-5 सेल्समैन बिक्री में कार्यरत हैं। कुल मिलाकर, उनकी इकाई से 30-40 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा, "इस योजना ने मेरी जिंदगी बदल दी। हम पीएम मोदी का आभार जताते है। यह योजना न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन कर बिहार की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।"

इसी तरह, लालबाबू प्रसाद की कहानी भी प्रेरणादायक है। उन्होंने बताया कि पहले हम रोजगार के लिए पंजाब, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में जाते थे, लेकिन वहां अच्छा व्यवहार नहीं मिलता था। गांव लौटने पर हमने अरुण की डेयरी इकाई में काम शुरू किया। अब हमें गांव में ही रोजगार मिल गया है और बाहर से ज्यादा कमाई हो रही है। अब बाहर जाने की जरूरत नहीं। इस योजना ने बिहार के युवाओं को नई दिशा दिखाई है। हम इसके लिए पीएम मोदी का आभार जताते है।

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Created On :   26 July 2025 8:15 PM IST

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