राजनीति: पीएम मोदी ने तमिलनाडु दौरे के दौरान तमिल गौरव का किया सम्मान सुयंबु करुप्पास्वामी सिद्धर

पीएम मोदी ने तमिलनाडु दौरे के दौरान तमिल गौरव का किया सम्मान सुयंबु करुप्पास्वामी सिद्धर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में 'आदि तिरुवथिराई उत्सव' में हिस्सा लिया। रानीपेट जिले के अर्कोट अधीनम के प्रमुख श्री सुयंबु करुप्पास्वामी सिद्धर ने प्रधानमंत्री मोदी की तमिलनाडु यात्रा की सराहना की है।

चेन्नई, 28 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में 'आदि तिरुवथिराई उत्सव' में हिस्सा लिया। रानीपेट जिले के अर्कोट अधीनम के प्रमुख श्री सुयंबु करुप्पास्वामी सिद्धर ने प्रधानमंत्री मोदी की तमिलनाडु यात्रा की सराहना की है।

उन्होंने कहा कि गंगईकोंडा चोलपुरम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए 4,800 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो राज्य की जनता के लिए सम्मान की बात है। पीएम मोदी ने अपने दौरे के दौरान राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।

उन्होंने पीएम मोदी के भाषण के प्रति अपनी प्रसन्नता और कृतज्ञता व्यक्त की, जिसमें तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भारत में उनके योगदान को दर्शाया गया। उन्होंने तमिल इतिहास और संस्कृति के प्रति उनके ज्ञान की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य के महत्व के बारे में प्रधानमंत्री की समझ देखकर आश्चर्य हुआ। प्रधानमंत्री ने तमिल गौरव का सम्मान किया, जो प्रशंसनीय है।

गंगईकोंडा चोलपुरम में आदि तिरुवथिरई महोत्सव में प्रधानमंत्री मोदी के हिस्सा लेने पर चिन्मय मिशन के स्वामी सुरेशानंद ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि आज का दिन ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने न केवल राजेंद्र चोल की 1000वीं जयंती मनाई, बल्कि चोल सम्राट के महान और नेक कार्यों का वर्णन किया, ऐसी बातें जिनसे तमिलनाडु में जन्मे हम लोग भी अनभिज्ञ थे। यह सचमुच आश्चर्यजनक है कि भारत के एक सुदूर कोने में जन्मा कोई व्यक्ति राजेंद्र चोल के बारे में इतना कुछ जान सका और उन जानकारियों को हमारे साथ साझा कर सका।

वहीं, आकाशवाणी के सहायक निदेशक दर्शन ने कहा, "प्रधानमंत्री और भारत के प्रिय नेता नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में इस महोत्सव में आए और इसकी शोभा बढ़ाई। यह कार्यक्रम राजेंद्र चोल की दक्षिण पूर्व एशियाई देशों पर ऐतिहासिक विजय की हजारवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया गया और गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण को याद किया गया।"

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Created On :   28 July 2025 9:59 PM IST

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