आईएएनएस स्पेशल: बिहार चुनाव कुशेश्वरस्थान में बाढ़, मंदिर और सियासत की 'त्रिवेणी', जदयू का बचेगा गढ़ या उलटफेर?

पटना, 19 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के दरभंगा जिले की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट (अनुसूचित जाति आरक्षित) मिथिला की राजनीति और संस्कृति दोनों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह क्षेत्र न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध है, बल्कि पर्यावरणीय और भौगोलिक विशेषताओं के कारण भी चर्चित है। कुशेश्वरस्थान और कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के साथ-साथ बिरौल प्रखंड की आठ ग्राम पंचायतें इस विधानसभा क्षेत्र में शामिल हैं।
यह विधानसभा समस्तीपुर (एससी) लोकसभा सीट का हिस्सा है और दरभंगा जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा पटना से करीब 145 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है। आसपास बिरौल, हसनपुर, सिंगिया और सहरसा जैसे कस्बे हैं, जबकि नजदीकी रेलवे स्टेशन बिरौल और लहेरियासराय हैं।
कुशेश्वरस्थान का नाम यहां स्थित बाबा कुशेश्वरनाथ मंदिर से जुड़ा है। मान्यता है कि इसकी स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी। सावन और महाशिवरात्रि के समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां उमड़ते हैं। मंदिर परिसर में पवित्र चंद्रकूप है और यह मंदिर तीन नदियों के संगम पर स्थित है। धार्मिक आस्था के साथ-साथ यह क्षेत्र कुशेश्वरस्थान पक्षी अभयारण्य के लिए भी प्रसिद्ध है। 1994 में स्थापित यह संरक्षित आर्द्रभूमि लगभग 29 वर्ग किलोमीटर में फैली है और सर्दियों में डल्मेशियन पेलिकन, साइबेरियन क्रेन और बार-हेडेड गूज जैसे दुर्लभ प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल बनती है।
भौगोलिक रूप से यह क्षेत्र निचला है और हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है। यहां की मुख्य आजीविका खेती है, जिसमें धान, मक्का, मसूर और सरसों प्रमुख फसलें हैं। इसके साथ ही पशुपालन, डेयरी और मुर्गी पालन भी स्थानीय अर्थव्यवस्था के हिस्से हैं। उद्योग-धंधों की कमी और बार-बार आने वाली बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं।
राजनीतिक दृष्टि से देखें तो पिछले डेढ़ दशक से हजारी परिवार का वर्चस्व यहां कायम है। 2010 में शशिभूषण हजारी भाजपा से विधायक चुने गए। 2015 में जब जदयू-भाजपा गठबंधन टूटा तो वे जदयू में शामिल हो गए और दोबारा जीत दर्ज की। 2020 में भी उनकी जीत हुई। 2021 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में जदयू ने उनके बेटे अमन भूषण हजारी को उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने इस सीट को बचाए रखा। इस तरह यह क्षेत्र जदयू के लिए लगातार मजबूत किला साबित हुआ है।
2024 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुशेश्वरस्थान विधानसभा की अनुमानित जनसंख्या 4,42,437 है, जिसमें 2,30,195 पुरुष और 2,12,242 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, कुल मतदाताओं की संख्या 2,62,119 है, जिनमें 1,37,297 पुरुष, 1,24,818 महिलाएं और 4 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। महिलाओं की संख्या और भागीदारी यहां निर्णायक मानी जाती है।
2025 के समीकरण को देखें तो जदयू इस सीट पर लगातार जीत और संगठनात्मक मजबूती के आधार पर बढ़त बनाती दिखती है। अमन भूषण हजारी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन विपक्ष भी इस बार पूरी तैयारी में है।
जनता का रुख मुख्य रूप से बाढ़ नियंत्रण, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं पर टिका हुआ है। खेती-किसानी और रोजगार की चुनौतियां भी प्रमुख मुद्दे हैं। युवा वर्ग रोजगार और बेहतर शिक्षा की मांग करता है, जबकि महिलाएं स्वास्थ्य व सुरक्षा पर ज्यादा जोर देती हैं।
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Created On :   19 Aug 2025 3:27 PM IST