राजनीति: बीजेडी नेता अमर पटनायक ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर उठाए सवाल

बीजेडी नेता अमर पटनायक ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर उठाए सवाल
बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ नेता अमर पटनायक ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग उतना पारदर्शी नहीं है, जितना एक संवैधानिक संस्था को होना चाहिए।

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ नेता अमर पटनायक ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग उतना पारदर्शी नहीं है, जितना एक संवैधानिक संस्था को होना चाहिए।

अमर पटनायक ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वह हर बार कुछ न कुछ छिपाने की कोशिश करता है।

उन्होंने कहा कि आठ महीने पहले बीजेडी द्वारा उठाए गए मुद्दों का अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला है, जिससे आयोग की नीयत पर संदेह और गहरा होता है।

अमर पटनायक ने विशेष रूप से ओडिशा में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर बिहार की तरह ओडिशा में भी जल्दबाजी में असली मतदाताओं को सूची से बाहर किया गया, तो इसका पूरे राज्य में व्यापक विरोध होगा। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी वास्तविक मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न हो।

उन्होंने आगे कहा कि बीजेडी ने चुनाव आयोग के सामने कई महत्वपूर्ण सवाल रखे थे, जिनका जवाब अब तक नहीं मिला है। हमने पूछा था कि कहां वोट डाले गए और कहां उनकी गिनती हुई, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई ठोस जवाब देने में विफल रहा है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मतदान के दिन शाम 5 बजे के बाद मतदान प्रतिशत में असामान्य वृद्धि देखी गई थी, जिस पर बीजेडी ने पहले ही दस्तावेजों के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।

उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग का दृष्टिकोण मौजूदा समय में पक्षपातपूर्ण नजर आ रहा है। वे मानते हैं कि जो कुछ भी वे करते हैं, वह सही है। चुनाव आयोग हमेशा कहता है कि आपको अदालत जाना होगा। चुनाव आयोग की व्यवस्था अपारदर्शी नहीं बल्कि पारदर्शी होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में 30 प्रतिशत का अंतर देखा गया, जो संदेहास्पद है। चुनाव आयोग को अपनी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी बनाना होगा, ताकि लोकतंत्र में लोगों का भरोसा बना रहे। उसे यह समझना चाहिए कि वह एक संवैधानिक निकाय है और आम जनता और मतदाताओं के प्रति जवाबदेह है। अगर आयोग अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं करता तो यह चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को और कमजोर करेगा।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   19 Aug 2025 9:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story