राजनीति: दिल्ली विधानसभा में विट्ठलभाई पटेल के ऐतिहासिक योगदान को समर्पित शताब्दी समारोह का होगा आयोजन

दिल्ली विधानसभा में विट्ठलभाई पटेल के ऐतिहासिक योगदान को समर्पित शताब्दी समारोह का होगा आयोजन
देश की लोकतांत्रिक परंपरा में एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करते हुए दिल्ली विधानसभा में रविवार से एक शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन विठ्ठलभाई पटेल के विधानसभा के पहले भारतीय निर्वाचित अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर किया जा रहा है। समारोह के हिस्से के रूप में अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन 24-25 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।

नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। देश की लोकतांत्रिक परंपरा में एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करते हुए दिल्ली विधानसभा में रविवार से एक शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन विठ्ठलभाई पटेल के विधानसभा के पहले भारतीय निर्वाचित अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर किया जा रहा है। समारोह के हिस्से के रूप में अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन 24-25 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।

इस विशेष आयोजन में देश भर से कुल 29 विधानसभा अध्यक्ष, 17 उपाध्यक्ष, राज्यसभा के 6 चेयरमैन और 4 डिप्टी चेयरमैन शिरकत करेंगे। राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, झारखंड, केरल, कर्नाटक, पंजाब सहित कई राज्यों के स्पीकर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आ रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "रविवार सुबह से शुरू होने वाला अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन, विठ्ठलभाई पटेल द्वारा पहले भारतीय निर्वाचित अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के 100 वर्ष पूरे होने का स्मरण करेगा। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है।"

उन्होंने कहा कि जिस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, उस समय भारतीयों ने विधानसभा में अपनी आवाज बुलंद की और देश की आजादी की लड़ाई को संसद के मंच पर भी मजबूती से लड़ा।

उन्होंने कहा, "विठ्ठलभाई पटेल ने उस समय न केवल भारतीय नेतृत्व की ताकत दिखाई, बल्कि ब्रिटिश शासन को भी चुनौती दी। कई किस्से हैं, जो बताते हैं कि वायसराय के मैसेंजर और सचिव खुद विठ्ठलभाई पटेल के पैर पकड़कर विनती करते थे कि इस बार माफ कर दीजिए, आगे से जो आप कहेंगे, वही करेंगे, लेकिन पटेल अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे।"

विजेंद्र गुप्ता ने आगे बताया कि उस समय वायसराय चेयर पर बैठते थे और स्पीकर को नीचे बैठना पड़ता था, लेकिन जब विठ्ठलभाई पटेल स्पीकर बने, तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी कुर्सी नहीं छोड़ूंगा। उसके बाद उसी सत्र में दो चेयर लगाई गईं। यह भारतीय नेतृत्व के सम्मान की शुरुआत थी, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।

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Created On :   24 Aug 2025 12:17 AM IST

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