राष्ट्रीय: उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर की मेट्रो रेल लाइन की कवायद हुई तेज

उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर की मेट्रो रेल लाइन की कवायद हुई तेज
मध्य प्रदेश में भोपाल और इंदौर के लोगों को जल्दी ही मेट्रो रेल सुविधा का लाभ मिलने वाला है। वहीं, उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर की मेट्रो रेल लाइन की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मेट्रो रेल परियोजना के डीपीआर बनाने के कार्य के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को परामर्श शुल्क नौ लाख रुपए प्रति किमी की दर (जीएसटी के अनुसार) का अनुमोदन किया गया।

भोपाल, 26 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में भोपाल और इंदौर के लोगों को जल्दी ही मेट्रो रेल सुविधा का लाभ मिलने वाला है। वहीं, उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर की मेट्रो रेल लाइन की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मेट्रो रेल परियोजना के डीपीआर बनाने के कार्य के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को परामर्श शुल्क नौ लाख रुपए प्रति किमी की दर (जीएसटी के अनुसार) का अनुमोदन किया गया।

उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर लाइन के प्रथम चरण में श्री महाकालेश्वर उज्जैन, लवकुश चौराहा इंदौर एवं द्वितीय चरण में लवकुश चौराहा से पीथमपुर मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर बनाई जाएगी। इस तरह नई मेट्रो रेल परियोजना की गति को तेज करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

प्रदेश के सभी पुलिस थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट स्वीकृत है। सभी विवेचना अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट दिया जाता है, जिससे मौके पर समस्त कार्यवाही हो सके। इसके लिए ई-विवेचना ऐप बनाया गया है। प्रथम चरण में 1,732 टैबलेट खरीदे गए हैं।

योजना में ई-विवेचना ऐप के लिए 75 करोड़ रुपए से 25 हजार टैबलेट क्रय करने की स्वीकृति दी। संशोधित विस्तारित योजना की कुल राशि 177 करोड़ 87 लाख 51 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिपरिषद द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता- 2023 के प्रभावी क्रियान्वयन, आपराधिक न्याय प्रशासन के सुचारू संचालन एवं प्रदेश के सभी दंड न्यायालयों के समक्ष प्रति न्यायालय एक अभियोजक के सिद्धांत के अनुसार, अभियोजकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लोक अभियोजन संचालनालय के तहत 610 नवीन पदों की स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम की समूह ग्राम पेयजल प्रदाय योजनाओं के संचालन-संधारण व्यय को कम करने के लिए प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजना एवं पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित किए जाने की स्वीकृति दी गई। मध्य प्रदेश जल निगम द्वारा 35 हजार से अधिक ग्रामों के 75 लाख परिवारों को पेयजल 60,786 करोड़ रुपए की लागत से 147 समूह ग्राम पेयजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

उक्त परियोजनाओं के लिए निजी भागीदारी के माध्यम से क्रियान्वयन किए जाने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी गई है।

इसी तरह एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा मंत्रिपरिषद की 24 जनवरी 2025 को हुई बैठक के पालन में प्रदेश में स्थापित की जाने वाली 4,000 मेगावाट क्षमता की प्रस्तावित नवीन ताप विद्युत परियोजनाओं से प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर विद्युत क्रय के लिए जारी निविदा अंतर्गत चयनित तीन केंद्रों से क्रमशः 800 मेगावाट, 1,600 मेगावाट एवं 800 मेगावाट विद्युत क्रय के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   26 Aug 2025 8:23 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story