राष्ट्रीय: डॉ. आदर्श कुमार बने उत्तर प्रदेश विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक

डॉ. आदर्श कुमार बने उत्तर प्रदेश विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक
उत्तर प्रदेश में फोरेंसिक सेवाओं को मजबूत आधार देने के लिए नया नेतृत्व मिल गया है। सोमवार को एम्स, नई दिल्ली के प्रख्यात फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ.) आदर्श कुमार ने राज्य की विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक का पदभार ग्रहण किया।

लखनऊ, 1 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में फोरेंसिक सेवाओं को मजबूत आधार देने के लिए नया नेतृत्व मिल गया है। सोमवार को एम्स, नई दिल्ली के प्रख्यात फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ.) आदर्श कुमार ने राज्य की विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक का पदभार ग्रहण किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा की प्राथमिकताओं के अनुरूप, यह कदम प्रदेश में वैज्ञानिक जांच प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। डॉ. आदर्श कुमार फोरेंसिक क्षेत्र में करीब 30 वर्षों का समृद्ध अनुभव रखते हैं। वह सीबीआई और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के मेडिको-लीगल एक्सपर्ट भी रह चुके हैं।

खास बात यह है कि वह अब तक के दुनिया के अकेले वैज्ञानिक हैं, जिन्हें दो बार कॉमनवेल्थ फेलोशिप मिली है। इस दौरान उन्होंने स्कॉटलैंड पुलिस के साथ कार्य करते हुए वैश्विक स्तर की जांच प्रक्रियाओं को करीब से समझा। उनके अनुभव और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश की विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को नई दिशा और ऊंचाई मिलेगी। पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद डॉ. आदर्श कुमार ने अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवाएं मुख्यालय, लखनऊ में नवीन अरोरा (आईपीएस) से मुलाकात की।

दोनों अधिकारियों ने लंबित मामलों के निस्तारण, प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण, नये उपकरणों की खरीद, अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग, रिक्त पदों की पूर्ति, कार्मिकों की पदोन्नति और ऑडिट आपत्तियों के समाधान जैसे अहम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। एडीजी अरोरा ने उन्हें नई जिम्मेदारी की बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विभाग और अधिक सफलता की ओर अग्रसर होगा।

डॉ. आदर्श कुमार ने अपने पहले ही संबोधन में स्पष्ट किया कि उनका प्रमुख फोकस फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को तकनीकी उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों तक ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक उपकरणों का समावेश, अनुसंधान को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं का सुदृढ़ीकरण उनकी प्राथमिकता होगी। इससे न केवल अपराध जांच की गति तेज होगी बल्कि राज्य की न्याय प्रणाली को भी वैज्ञानिक आधार पर और ज्यादा मजबूती मिलेगी।

पदभार ग्रहण समारोह के दौरान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। सभी ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में न केवल लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण होगा बल्कि प्रदेश की बारहों सक्रिय प्रयोगशालाएं आधुनिक तकनीक और नवाचार की मिसाल भी बनेंगी। कर्मचारियों ने उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

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Created On :   1 Sept 2025 9:32 PM IST

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