बॉलीवुड: सुभाष घई के घर यादगार शाम का आयोजन, सिनेमा के नए दौर पर खुलकर चर्चा

सुभाष घई के घर यादगार शाम का आयोजन, सिनेमा के नए दौर पर खुलकर चर्चा
दिग्गज निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने हाल ही में अपने मुंबई स्थित आवास पर एक यादगार शाम का आयोजन किया। इस खास मौके पर फिल्म इंडस्ट्री की कई जानी-मानी हस्तियां उनके घर पहुंचीं, जहां हिंदी सिनेमा और फिल्म व्यापार में आ रहे बदलावों पर खुलकर बातचीत हुई।

मुंबई, 8 सितंबर (आईएएनएस)। दिग्गज निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने हाल ही में अपने मुंबई स्थित आवास पर एक यादगार शाम का आयोजन किया। इस खास मौके पर फिल्म इंडस्ट्री की कई जानी-मानी हस्तियां उनके घर पहुंचीं, जहां हिंदी सिनेमा और फिल्म व्यापार में आ रहे बदलावों पर खुलकर बातचीत हुई।

सुभाष ने इस मुलाकात की तस्वीर अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की, जिसमें उनके साथ मशहूर फिल्म विश्लेषक कोमल नाहटा, निर्देशक मोहित सूरी, डायलॉग राइटर रोहन शंकर और उनकी टीम के अन्य सदस्य नजर आए। इस तस्वीर के साथ उन्होंने कैप्शन में इस शाम के माहौल का जिक्र किया।

उन्होंने बताया कि यह मुलाकात एक मजेदार गोलमेज चर्चा में बदल गई, जिसमें सिनेमा के बदलते रंग और दर्शकों की नई पसंद पर खुलकर बात हुई। चर्चा का मुख्य विषय था कि आज के दर्शक महंगे सितारों पर निर्भर फिल्मों से हटकर ऐसी कहानियां चाहते हैं, जो निर्देशक की रचनात्मकता और दमदार कहानी कहने की कला पर टिकी हों।

सुभाष घई ने लिखा, "कल रात मेरे घर पर दोस्तों के साथ ढेर सारी हंसी-मजाक और फिल्म मेकिंग को लेकर गंभीर चर्चा हुई। कोमल नाहटा, मोहित सूरी, रोहन शंकर और मेरी टीम के साथ यह मुलाकात मास्टरक्लास जैसी बन गई। हमने गपशप की, ड्रिंक्स लिए और सिनेमा के बदलते दौर पर विचार साझा किए। यह वाकई एक शानदार और प्रेरणादायक शाम थी।"

सुभाष की पोस्ट प्रशंसकों को काफी पसंद आ रही है। वे इसमें तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

निर्माता ने इससे पहले मुंबई के रोटरी क्लब में एक कार्यक्रम में गए थे, जहां उन्होंने सेंसरशिप के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने सिनेमा और अन्य कला के लिए सेंसरशिप को जरूरी बताया।

सुभाष ने कार्यक्रम की तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके लिखा था, "जैसे परिवार में बच्चों को यह सिखाया जाता है कि क्या देखना चाहिए और क्या बोलना चाहिए, वैसे ही सिनेमा और अन्य कंटेंट पर सेंसरशिप जरूरी है। जैसे ट्रैफिक लाइट्स सड़क पर व्यवस्था बनाए रखती हैं, वैसे ही समाज में सामाजिक मूल्यों को सुरक्षित रखने के लिए कंटेंट पर मर्यादा जरूरी है। हम सब एक परिवार की तरह हैं, और परिवार में कुछ नियम और सीमाएं होती हैं।"

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Created On :   8 Sept 2025 5:33 PM IST

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