रक्षा: आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस करेंगे बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास

आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस करेंगे बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास
आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी। यह सैन्य अभ्यास रूस में होगा। रूस में आयोजित इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का मुख्य लक्ष्य भारत व रूसी सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही यहां पारंपरिक युद्धकला और आतंकवाद-रोधी अभियानों में साझा रणनीति और आधुनिक तकनीकों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी। यह सैन्य अभ्यास रूस में होगा। रूस में आयोजित इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का मुख्य लक्ष्य भारत व रूसी सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही यहां पारंपरिक युद्धकला और आतंकवाद-रोधी अभियानों में साझा रणनीति और आधुनिक तकनीकों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

यह अभ्यास 10 सितंबर को शुरू होने जा रहा है। इस युद्धाभ्यास के लिए मंगलवार को भारतीय सैन्य दल रूस के लिए रवाना हो गया। इस भारतीय सैन्य दल में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवान एवं अधिकारी शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ी रूस में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास “जापाद 2025” में भाग लेने हेतु रवाना हुई है। भारतीय सशस्त्र बलों की 65 सदस्यीय टुकड़ी रूस के निझनी स्थित मुलिनो प्रशिक्षण क्षेत्र में यह अभ्यास करेगी। बहुराष्ट्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास 10 से 16 सितंबर 2025 तक रूस में आयोजित किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दल में 57 सैनिक भारतीय थलसेना से शामिल किए गए हैं। वहीं 7 सैन्य कर्मी भारतीय वायुसेना से और 1 अधिकारी को भारतीय नौसेना से शामिल किया गया है। थलसेना की टुकड़ी का नेतृत्व कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है, जिसमें अन्य हथियारबंद शाखाओं और सेवाओं के सैनिक भी सम्मिलित हैं। इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का मुख्य लक्ष्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। यहां विभिन्न सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं पारंपरिक युद्धकला और आतंकवाद-रोधी अभियानों में रणनीतियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान भी होगा।

अभ्यास की प्रमुख विशेषताओं की बात करें तो यह अभ्यास कंपनी स्तर के संयुक्त अभियानों पर केंद्रित होगा। इस का संचालन खुले और समतल भूभाग में किया जाएगा। यहां सेनाएं संयुक्त योजना बनानें, टेक्निकल ड्रिल और विशेष हथियार कौशल प्रदर्शित करेंगी। इसमें उभरती हुई तकनीकों का समावेश, संयुक्त अभियान क्षमता को निखारना और बहुराष्ट्रीय युद्धक वातावरण में संचालन का अभ्यास भी शामिल है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अभ्यास जापाद 2025 में भागीदारी से भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग और मित्रता और अधिक मजबूत होगी। यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग, आपसी विश्वास और सौहार्द को गहराई प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि जहां एक ओर भारतीय सैन्य दल संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए रूस रवाना हुआ है वहीं दूसरी ओर भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच अलास्का में एक बड़ा सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास 2025’ चल रहा है। इस युद्धाभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, निगरानी , काउंटर-ड्रोन सिस्टम व अन्य मानव रहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल और इनसे निपटने के तरीकों समेत आधुनिक युद्ध का अभ्यास किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दोनों सेनाओं द्वारा पहाड़ी और उच्च हिमाच्छादित क्षेत्रों में प्रशिक्षण ऑपरेशन किए जा रहे हैं।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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Created On :   9 Sept 2025 7:19 PM IST

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