राष्ट्रीय: नेपाल की अंतरिम पीएम का भारत से गहरा संबंध महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती

नेपाल की अंतरिम पीएम का भारत से गहरा संबंध महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती
पड़ोसी देश नेपाल में तख्‍ता पलट होने पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान में नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का भारत से गहरा संबंध है और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसक हैं।

मुंबई, 15 सितंबर (आईएएनएस)। पड़ोसी देश नेपाल में तख्‍ता पलट होने पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान में नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का भारत से गहरा संबंध है और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसक हैं।

उन्‍होंने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कहा कि नेपाल की स्थिति की तुलना पाकिस्तान, श्रीलंका या बांग्लादेश से नहीं की जा सकती। वहां का आंदोलन हिंदू राष्ट्र की भावना और राजशाही के समर्थन से जुड़ा है। वर्तमान में नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का भारत से गहरा संबंध है और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसक हैं। आंदोलनकारी छात्र भी मोदी और योगी जैसे नेतृत्व की कामना कर रहे हैं। यहां तक कि पाकिस्तान में भी लोग ऐसे नेताओं की इच्छा जताते हैं। भारतवासियों को अपने सौभाग्य को समझना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी के आगामी 75वें जन्मदिन पर महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा कि 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती भी है और इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। अखिल भारतीय संत समिति उनका जन्मदिन बड़े उत्साह के साथ मनाने जा रही है। इस अवसर पर प्रत्येक संत, चाहे वे कहीं भी हों, उनके नाम पर अभिषेक करेंगे।

आध्‍यात्मिक गुरु स्‍वामी रामभद्राचार्य के पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान वाले बयान पर महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा कि केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में कई जगह “मिनी पाकिस्तान” जैसी स्थिति देखने को मिलती है। उन्‍होंने कहा कि यह समस्या पिछले सात वर्षों में नहीं बनी, बल्कि स्वतंत्रता के बाद से तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बढ़ती गई। इसके लिए केवल योगी आदित्यनाथ को दोष देना प्रासंगिक नहीं है। अल्पसंख्यक आयोग और योजनाओं से विशेष रूप से मुसलमानों को लाभ दिया गया, जिससे हालात बिगड़े। उन्होंने कहा कि देश और धर्म की रक्षा के लिए गंभीरता से समाधान निकालना होगा। कोई भी संत या व्यक्ति यदि राष्ट्रविरोधी आचरण करता है तो उसका विरोध करना सभी का दायित्व है।

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Created On :   15 Sept 2025 10:23 PM IST

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