खगोलविद स्वतंत्र रूप से तैरते बृहस्पति के आकार के 'ग्रहों' की पहेली सुलझाने में जुटे

खगोलविद स्वतंत्र रूप से तैरते बृहस्पति के आकार के ग्रहों की पहेली सुलझाने में जुटे
न्यूयॉर्क, 1 जनवरी (आईएएनएस)। अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से तैरते बृहस्पति के आकार के और एक-दूसरे की परिक्रमा करने वाले "ग्रहों" ने खगोलविदों को चकित कर दिया है, जिससे उन्हें तारे और ग्रह निर्माण के अपने सिद्धांतों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

न्यूयॉर्क, 1 जनवरी (आईएएनएस)। अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से तैरते बृहस्पति के आकार के और एक-दूसरे की परिक्रमा करने वाले "ग्रहों" ने खगोलविदों को चकित कर दिया है, जिससे उन्हें तारे और ग्रह निर्माण के अपने सिद्धांतों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

खगोलविदों ने अक्टूबर में ओरियन नेबुला में 500 या उससे अधिक पहले से अनदेखे स्थानों की पहचान करने के लिए नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग किया।

दूरबीन ने प्रसिद्ध ओरियन नेबुला के एक विस्तृत नए सर्वेक्षण में लगभग 40 जोड़े देखे और पाया कि दर्जनों दुनिया जोड़े में एक-दूसरे की परिक्रमा करती हुई दिखाई देती हैं।

अब, वायर्ड के एक लेख में जो मूल रूप से क्वांटा पत्रिका में प्रकाशित हुआ था, वैज्ञानिकों ने तथाकथित बृहस्पति के आकार के युगल पिंडों के घूर्णन की व्याख्या करने का प्रयास किया है जो स्वतंत्र रूप से तैरते गैस के विशाल जोड़े हैं और केवल एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैें।

उनके अनुसार, ये वस्तुएं इतनी हल्की हैं कि अकेले नहीं बनाई जा सकतीं और अप्रत्याशित रूप से असंख्य हैं।

एक संभावना यह है कि "तंग दूरी वाली कक्षाओं" वाले ग्रहों को एक गुजरते तारे द्वारा उनके सौर मंडल से बाहर खींच लिया जा रहा है।

नीदरलैंड में लीडेन वेधशाला में ग्रह निर्माण का अध्ययन करने वाले शोधकर्ता निएनके वैन डेर मारेल ने कहा कि फिर भी, "कुछ ऐसा है जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं और हम नहीं जानते कि यह क्या है"।

इन गैस-ग्रह युगलों की व्याख्या में तारे और ग्रह दोनों के निर्माण के विशेषज्ञों को परेशानी हो रही है।

तारों के निर्माण में विशेषज्ञता रखने वाले एक्सेटर विश्वविद्यालय के एक खगोल भौतिकीविद् मैथ्यू बेट ने कहा, “इसकी बिल्कुल भी भविष्यवाणी नहीं की गई है। ऐसे कोई मौजूदा सिद्धांत नहीं हैं जहां हम इतनी संख्या में इन व्यापक, मुक्त-तैरते ग्रह पिंडों की उम्मीद कर सकें।”

इनमें कम से कम कुछ जंबो संभवतः मृगतृष्णा हो सकते हैं।

वियना विश्वविद्यालय की नूरिया मिरेट रोइग ने कहा, “कोई वस्तु धूल भरे वातावरण में जितनी गहराई में होती है (और ओरियन नेबुला अत्यधिक धूल भरी होती है), उसे नेबुला के पीछे एक दूर के, अधिक विशाल तारे से अलग करना उतना ही कठिन होता है, जिसके एक साथी होने की उम्मीद होगी।

''इस समय थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।''

--आईएएनएस

एकेजे

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Created On :   3 Jan 2024 5:01 PM IST

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