छात्राओं के लिए पहला पूर्ण सैनिक स्कूल, सशस्त्र बलों में महिलाओं को बढ़ावा

छात्राओं के लिए पहला पूर्ण सैनिक स्कूल, सशस्त्र बलों में महिलाओं को बढ़ावा
नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। देश में छात्राओं का पहला पूर्ण सैनिक स्कूल प्रारंभ किया गया है। सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखने वाली छात्राओं के लिए बनाया गया यह 'संविद गुरुकुलम सैनिक स्कूल' मथुरा के वृन्दावन में है।

नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। देश में छात्राओं का पहला पूर्ण सैनिक स्कूल प्रारंभ किया गया है। सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखने वाली छात्राओं के लिए बनाया गया यह 'संविद गुरुकुलम सैनिक स्कूल' मथुरा के वृन्दावन में है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस विद्यालय में 870 बालिका विद्यार्थियों को शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने देशभर में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह स्कूल राज्यों में गैर सरकारी संगठनों, निजी व राज्य सरकारी विद्यालयों के साथ साझेदारी के अंतर्गत 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना की पहल के तहत बनाया गया है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस योजना के अंतर्गत अभी तक 42 विद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं। ये मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों के अतिरिक्त बनने वाले विद्यालय हैं, जो पहले से ही पूर्ववर्ती पैटर्न के तहत कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में मथुरा के वृन्दावन में बालिकाओं के लिए इस पहले पूर्ण सैनिक स्कूल संविद गुरुकुलम सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री ने 'संविद गुरुकुलम बालिका सैनिक स्कूल' को उन लड़कियों के लिए आशा की किरण बताया, जो सशस्त्र बलों में शामिल होने तथा मातृभूमि की रक्षा करने की इच्छा रखती हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में महिलाओं को सशस्त्र बलों में उनका उचित स्थान दिया है, जो वर्षों से उपेक्षित रही थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों की तरह ही राष्ट्र की रक्षा करने का अधिकार है। महिला सशक्तिकरण के इतिहास में वह स्वर्णिम क्षण था, जब हमने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश लेने को स्वीकृति प्रदान की थी। आज देश की महिलाएं न केवल लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, बल्कि वे सीमाओं की सुरक्षा भी कर रही हैं।

यह स्मरण योग्य तथ्य है कि राजनाथ सिंह ने 2019 में सैनिक विद्यालयों में लड़कियों के प्रवेश को शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दी थी। मिजोरम के सैनिक स्कूल छिंगछिप में रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रायोगिक परियोजना की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया था।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि देश में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना के दृष्टिकोण के पीछे का उद्देश्य विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। साथ ही छात्राओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित उज्ज्वल भविष्य के अवसर प्रदान करना है। यह पहल निजी क्षेत्र को आज के युवाओं को आने वाले कल का जिम्मेदार नागरिक बनाकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का अवसर भी देती है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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Created On :   1 Jan 2024 10:42 PM IST

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