ओवैसी के बयान पर विहिप का तीखा पलटवार : मुस्लिम युवाओं को भड़काने और बरगलाने का लगाया आरोप

ओवैसी के बयान पर विहिप का तीखा पलटवार : मुस्लिम युवाओं को भड़काने और बरगलाने का लगाया आरोप
नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के मस्जिदों के छीने जाने के बयान की तीखी आलोचना करते हुए विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) ने आरोप लगाया है कि ओवैसी मुस्लिम युवाओं को भड़काने, बरगलाने और उनको आतंकवाद की राह पर ढकेलने का कुत्सित प्रयास करने में जुट गए हैं।

नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के मस्जिदों के छीने जाने के बयान की तीखी आलोचना करते हुए विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) ने आरोप लगाया है कि ओवैसी मुस्लिम युवाओं को भड़काने, बरगलाने और उनको आतंकवाद की राह पर ढकेलने का कुत्सित प्रयास करने में जुट गए हैं।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जैसे-जैसे भगवान श्रीराम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बाबरवादी और इस्लामिक कट्टरपंथियों के पैरोकार मुस्लिमीन पार्टी के लोग बराबर मुस्लिम युवाओं को भड़काने, बरगलाने और उनको आतंकवाद की राह पर ढकेलने का कुत्सित प्रयास करने में जुट गए हैं।

बंसल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का मजाक बनाने वाले जो अपने आपको बैरिस्टर कहते हैं, उन्होंने मुस्लिम युवकों को कहा है कि 'अपनी मस्जिदों को आबाद रखो'। विहिप नेता ने आगे कहा कि मस्जिदों के छीने जाने की बात कहने वाले उस समय कहां सो जाते हैं, जब हजरत बल के ऊपर आतंकी हमले होते हैं, इनकी जुबान तब क्यों सिल जाती है, जब मस्जिदों को आतंकी कब्जा लेते हैं, बम से उड़ा देते हैं और अजान देते एक पूर्व पुलिस ऑफिसर को जान से मार देते हैं और अब जब भव्य राम मंदिर बन रहा है तो उनके पैरों से जमीन खिसक रही है, पीड़ा हो रही है।

विहिप नेता ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का विरोध करने और शीर्ष अदालत की अवमानना करने वाले ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की। उन्होंने आग्रह किया, "सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से देश अब राम की ओर लौट रहा है, आप भी लौट आइए, राम सबके पूर्वज हैं, अपने पूर्वज राम की तरफ लौट आइए, अपने मन के बाबर और बाबरी को भगाइए। अन्यथा कहीं ऐसा ना हो कि वह कहावत चरितार्थ हो जाए कि 'अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत' । ये नया भारत है। यहां संविधान, न्याय व्यवस्था और भारतीय मान्यताओं का पालन करना ही होगा।"

--आईएएनएस

एसटीपी/एसजीके

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Created On :   2 Jan 2024 12:56 PM IST

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