ब्रिटेन के सीमा बल अधिकारियों के संघ ने इस साल छोटी नौकाओं की आवक बढ़ने की आशंक जताई

ब्रिटेन के सीमा बल अधिकारियों के संघ ने इस साल छोटी नौकाओं की आवक बढ़ने की आशंक जताई
लंदन, 2 जनवरी (आईएएनएस)। ब्रिटेन में सीमा बल के अधिकारियों के एक संघ ने चेतावनी दी है कि इस साल छोटी नावों में आने वाले लोगों की संख्या फिर से बढ़ने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इंग्लिश चैनल पार करने वाले प्रवासियों में 2023 में लगभग एक-तिहाई की गिरावट आई थी।

लंदन, 2 जनवरी (आईएएनएस)। ब्रिटेन में सीमा बल के अधिकारियों के एक संघ ने चेतावनी दी है कि इस साल छोटी नावों में आने वाले लोगों की संख्या फिर से बढ़ने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इंग्लिश चैनल पार करने वाले प्रवासियों में 2023 में लगभग एक-तिहाई की गिरावट आई थी।

यूके होम ऑफिस के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 29,437 प्रवासियों ने सीमा पार की। यह संख्या 2018 के बाद से दूसरी सबसे अधिक थी। 2022 में यह संख्या 45,774 थी।

सीमा बल के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले आव्रजन सेवा संघ ने चेतावनी दी कि हाल के महीनों में बेहद खराब मौसम के कारण संख्या में गिरावट देखी गई थी।

पिछले साल की आखिरी क्रॉसिंग 16 दिसंबर को हुई थी जब 55 लोग एक नाव में फ्रांस से आए थे, जिसके बाद भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण आगे कोई क्रॉसिंग दर्ज नहीं की गई थी।

संघ की पेशेवर अधिकारी लुसी मोरेटन ने बीबीसी को बताया कि "2024 के लिए योजना की धारणा यह है कि 2023 असामान्य रूप से कम रहा है"।

उन्होंने कहा कि अन्य "भ्रमित करने वाले कारकों", विशेष रूप से तेज़ हवाओं ने वर्ष के अधिकांश समय में प्रवासियों आना अधिक कठिन बना दिया है।

ब्रिटेन में छोटी नावों से आने वाले प्रवासी एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा रहे हैं और 2022 में 45 हजार से अधिक प्रवासियों ने इस तरह से इंग्लिश चैनल पार किया था।

तब से, "नावों को रोकना" प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रही है।

सरकार ने अफ्रीकी देश के साथ एक समझौते के बाद उन प्रवासियों को रवांडा भेजने की भी कोशिश की है।

लेकिन सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल नवंबर में प्रवासियों को रवांडा भेजने की योजना को गैरकानूनी बताते हुए खारिज कर दिया क्योंकि इससे उन्हें खतरा हो सकता था।

देश और विदेश में अपनी रवांडा नीति की बहुत आलोचना के बावजूद, सुनक की सरकार इस बात पर ज़ोर देती है कि वह अभी भी इसके लिए प्रतिबद्ध है।

--आईएएनएस

एकेजे

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Created On :   2 Jan 2024 6:55 PM IST

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