समुद्री डाकुओं के खिलाफ ऑपरेशन, हेडक्वार्टर में लाइव थे नेवी कमांडर्स
नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। समुद्री डाकुओं ने लाइबेरिया के ध्वज वाले बल्क कैरियर 'एमवी लीला नॉरफॉक' को हाईजैक करने की कोशिश की। हालांकि, भारतीय नौसेना के पहुंचने पर समुद्री डाकू रात के अंधेरे में भाग खड़े हुए। नेवी कमांडर्स, हेडक्वार्टर से इस समुद्री ऑपरेशन की लाइव निगरानी कर रहे थे। ऑपरेशन के दौरान एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन से नेवी हेडक्वार्टर्स को लाइव फीड भेजी जा रही थी।
नौसेना का कहना है कि उन्होंने लाइबेरिया के ध्वज वाले बल्क कैरियर एमवी लीला नॉरफॉक पर अपहरण की घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया की। समुद्री डाकुओं के हमले का जवाब देने के लिए आक्रामक इरादा किया गया। नौसेना का आईएनएस चेन्नई गाइडेड मिसाइल विध्वंसक घटनास्थल पर पहुंच गया।
एमक्यू9बी (सी गार्जियन), पी8आई और इंटीग्रल हेलीकॉप्टरों द्वारा एमवी लीला नॉरफॉक की निरंतर हवाई टोह ली गई। इसके बाद, 5 जनवरी को भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो हाईजैक किए गए समुद्री जहाज 'एमवी लीला नॉरफॉक' में सवार हुए और ऊपरी डेक, मशीनरी डिब्बों और रहने की जगहों की पूरी तरह से जांच की।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक टीम को जहाज पर कोई समुद्री डाकू नहीं मिला। भारतीय नौसेना के विमानों द्वारा जहाज को जोरदार चेतावनी और आईएन युद्धपोत ने समुद्री डाकुओं को रात के दौरान भागने के लिए मजबूर कर दिया। भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो ‘मार्कोस’ ने हाईजैक कार्गो जहाज 'एमवी लीला नॉरफॉक' से 15 भारतीयों समेत सभी 21 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला। यह कार्रवाई अरब सागर में सोमालिया के तट के पास की गई।
जहाज को पांच-छह हथियारबंद लोगों ने अपहरण करने की कोशिश की थी। अदन की खाड़ी में हुए इस ऑपरेशन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो मालवाहक जहाज पर ऑपरेशन के लिए घुसते नजर आ रहे हैं। समुद्री सुरक्षा के लिए काम करने वाले संगठन ने भारत को अगवा जहाज की खबर दी थी।
गौरतलब है कि अरब सागर में हो रही डकैती की घटनाओं को लेकर कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समुद्री डकैतों को चेतावनी देते हुए कहा था कि जिन्होंने भारत के खिलाफ कार्रवाई की है, उन्हें हम समुद्र तल से भी ढूंढ निकालेंगे।
जानकारी के मुताबिक समुद्री डाकू ने जिस जहाज पर हमला किया वह ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था। इस जहाज को 11 जनवरी को बहरीन पहुंचना था। इस दौरान इसे करीब 17,000 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी।
हालांकि, समुद्री यात्रा के दौरान 4 जनवरी को सोमालियाई लुटेरों ने जहाज को हाईजैक कर लिया। भारतीय नौसेना ने यह खबर मिलने पर तुरंत कार्रवाई की और नौसेना के डर से समुद्री डाकू रात के अंधेरे में भाग खड़े हुए। नौसेना ने समुद्री डाकू के खिलाफ अपने इस ऑपरेशन में हाईजैक किए गए जहाज के सभी 21 क्रू मेम्बर्स को बचाया, इनमें 15 भारतीय भी शामिल हैं।
--आईएएनएस
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Created On :   6 Jan 2024 1:58 PM IST