भारतीय मूल के आईटी कार्यकारी, मेयर, राज्य सीनेटर अमेरिकी कांग्रेस, समोसा कॉकस की दौड़ में

भारतीय मूल के आईटी कार्यकारी, मेयर, राज्य सीनेटर अमेरिकी कांग्रेस, समोसा कॉकस की दौड़ में
वाशिंगटन, 8 जनवरी (आईएएनएस)। समोसा कॉकस बढ़ रहा है। 2013 में एक से बढ़कर यह फाइव+वन हो गया है, यानी अमेरिकी कांग्रेस में अब पांच भारतीय मूल के सांसद और व्हाइट हाउस में उनके पूर्व सहयोगी हैं। यह समूह 2025 में नए सदस्यों का स्वागत कर सकता है।

वाशिंगटन, 8 जनवरी (आईएएनएस)। समोसा कॉकस बढ़ रहा है। 2013 में एक से बढ़कर यह फाइव+वन हो गया है, यानी अमेरिकी कांग्रेस में अब पांच भारतीय मूल के सांसद और व्हाइट हाउस में उनके पूर्व सहयोगी हैं। यह समूह 2025 में नए सदस्यों का स्वागत कर सकता है।

मुंबई के एक आईटी पेशेवर ऋषि कुमार, जो खुद को "स्लमडॉग इंजीनियर" कहते हैं, लंबे समय से डेमोक्रेट द्वारा खाली की गई एक खुली सीट के लिए कैलिफोर्निया से अमेरिकी कांग्रेस के लिए दौड़ में हैं। वह 2020 और 2022 में भी इस दौड़ में शामिल हुए थे, मगर हार गए थे। हालांकि वह जीतने की स्थिति में दिख रहे थे, क्योंकि उन्होंने आम चुनाव के मतपत्र में जगह बनाने के लिए पर्याप्त वोट हासिल किए थे। उन्‍होंने प्राइमरी में अन्य प्रतिस्पर्धियों को हराया था (कैलिफ़ोर्निया 2011 से शीर्ष-दो प्राथमिक प्रणाली पर कायम रहा है)।

रविंदर भल्ला, एक सिख अमेरिकी, जो न्यू जर्सी राज्य के एक शहर होबोकेन के मेयर हैं, राज्य से अपनी ही पार्टी के विधायक रॉब मेनेंडेज़ को चुनौती दे रहे हैं, जिनके पिता सीनेटर बॉब मेनेंडेज़ संघीय आरोपों का सामना कर रहे हैं कि उन्होंने मिस्र सरकार के लिए काम किया था। सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए उन्‍होंने सोने की ईंट सहित रिश्‍वत की रकम ली थी।

वह शायद उम्मीद कर रहे हैं कि बुजुर्ग मेनेंडेज़ की कानूनी समस्याएं उनके बेटे के दूसरे चुनाव में उनकी संभावनाओं को खत्‍म कर देंगी।

कुमार और भल्ला दोनों डेमोक्रेट हैं।

ओहियो में रिपब्लिकन राज्य के सीनेटर नीरज अंतानी एक सेवानिवृत्त रिपब्लिकन द्वारा खाली की गई सीट से अमेरिकी कांग्रेस के लिए दौड़ रहे हैं। वह केवल 32 वर्ष के हैं और यदि निर्वाचित हुए तो अमेरिकी कांग्रेस में सबसे कम उम्र के भारतीय अमेरिकी बन जाएंगे।

जबकि दशकों पहले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य के रूप में सेवा करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी, 1957 से 1963 तक दलीप सिंह सौंद और 2005 से 2008 तक पीयूष "बॉबी" जिंदल और 2013 में अमी बेरा थे, उनकी अकेली मौजूदगी एक समूह के नाम के लायक नहीं थी, जो 2017 में वजमद में आया, जब बेरा प्रतिनिधि सभा में तीन भारतीय-सभ्य सदस्यों - राजा कृष्णमूर्ति, रोहित खन्ना और प्रमिला जयपाल के साथ शामिल हुए और कमला हैरिस अमेरिकी सीनेट में।

कृष्णमूर्ति ने सबसे पहले समूह के लिए "समोसा कॉकस" शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे मीडिया ने उछाला और समूह को जल्द ही उसी नाम से बुलाया जाने लगा, जिससे इसके सदस्यों को कुछ असुविधा हुई।

कमला ने 2020 में समूह छोड़ दिया, जब उन्हें राष्ट्रपति जो बाइडेन के उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। लेकिन उनके नुकसान की भरपाई जल्द ही श्री थानेदार ने कर दी, जो 2023 में समूह के पांचवें सदस्य बने।

ये सभी डेमोक्रेट हैं और यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अगर समोसा कॉकस निर्वाचित होता है तो अंतानी जैसे रिपब्लिकन का स्वागत करेगा या नहीं।

--आईएएनएस

एसजीके

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Created On :   8 Jan 2024 11:32 PM IST

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