नवाचार: 'स्मार्ट नेवी डिफेन्स फिश' करेगी भारतीय समुद्री सीमाओं की रखवाली

नवाचार: स्मार्ट नेवी डिफेन्स फिश करेगी भारतीय समुद्री सीमाओं की रखवाली
विवेक त्रिपाठी गोरखपुर, 9 जनवरी (आईएएनएस)। तीन ओर समुद्र से घिरे भारत की विशाल सीमा की सुरक्षा चुनौती पूर्ण है। ऐसे में इसे तकनिकी नवाचारों के साथ की आवश्यकता है। इसे पूरा करने की दिशा में गोरखपुर स्थित आईटीएम गीडा बीटेक एआई ब्रांच के चार छात्रों ने कदम बढ़ाया है। इन्होंने एक ऐसी रोबोटिक मछली तैयार की है, जो पानी के अंदर से निगरानी करने और खतरा होने पर दुश्मन के जहाज को नष्ट करने में पूरी तरह सक्षम है। हालांकि, अभी केवल इसका एक डेमो तैयार किया गया है।

विवेक त्रिपाठी गोरखपुर, 9 जनवरी (आईएएनएस)। तीन ओर समुद्र से घिरे भारत की विशाल सीमा की सुरक्षा चुनौती पूर्ण है। ऐसे में इसे तकनिकी नवाचारों के साथ की आवश्यकता है। इसे पूरा करने की दिशा में गोरखपुर स्थित आईटीएम गीडा बीटेक एआई ब्रांच के चार छात्रों ने कदम बढ़ाया है। इन्होंने एक ऐसी रोबोटिक मछली तैयार की है, जो पानी के अंदर से निगरानी करने और खतरा होने पर दुश्मन के जहाज को नष्ट करने में पूरी तरह सक्षम है। हालांकि, अभी केवल इसका एक डेमो तैयार किया गया है।

गोरखपुर आईटीएम गीडा बीटेक एआई ब्रांच के चार छात्रों दिव्यांश श्रीवास्तव, संगीता कुमारी, प्रगति वर्मा और रोहन श्रीवास्तव ने मिलकर इसे तैयार किया है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट की निगरानी विनीत राय कर रहे हैं। छात्रों की बनाई यह रोबोट फिश दूर से असली मछली की तरह दिखती है, लेकिन यह छोटी मछली समुद्री तट पर दुश्मन के जहाज को नष्ट करने में पूरी तरह सक्षम है। आईटीएम गीडा के छात्रों ने इस रोबोट मछली को 'स्मार्ट नेवी डिफेन्स फिश' का नाम दिया है।

प्रगति वर्मा ने बताया कि लगभग 15 इंच लम्बी, 3 इंच चौड़ी और 300 ग्राम वजनी इस डिफेन्स फिश को पानी में 500 मीटर दूर से ही रिमोट की सहायता से चलाया जा सकता है। इसके सिर पर एक वाईफाई कैमरा है, जो पानी की लहरों पर नजर रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं, जरुरत पड़ने पर रिमोट में लगे फायरिंग ट्रिगर के सहारे किसी दुश्मन को निशाना बनाने में भी सक्षम है। मछली के ऊपरी सतह पर लगे मैगनेट की मदद से दुश्मन के जहाज के ठीक नीचे विस्फोटक सेट कर नष्ट भी किया जा सकता है।

हालांकि, अभी केवल इसका वर्किंग मॉडल तैयार हुआ है। इसको और अपडेट किया जा रहा है। इन छात्रों ने बताया कि देश की सुरक्षा के लिये वे अभी काम को पूर्णता की ओर ले जा रहे हैं। इस बावत रक्षा मंत्री और रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को मेल भी किया गया है। डीआरडीओ के मार्गदर्शन की दरकार है।

दिव्यांश श्रीवास्तव ने बताया कि इस रोबोट मछली को बनाने पर लगभग 32,000 रुपये का खर्च आया है। इसे बनाने में थ्रीडी प्रिंटर, 3.7 वोल्ट की लीथिम पॉलिमर बैटरी, ट्रांसमीटर रिसीवर, मिनी ब्रशलेश मोटर 3 वोल्ट, एलईडी लाइटस और मैंग्नेट का इस्तेमाल किया गया है।

वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि यह बहुत अच्छा नवाचार है। इसके माध्यम से हम अपनी जल मार्गों की सुरक्षा कर सकते हैं। इस तरह के इनोवेशन होते रहने चाहिए।

संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह का कहना है कि कॉलेज के इनोवेशन सेल के छात्र लगातार देश व समाज हित में कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही छात्रों ने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक रोबोटिक फिश बनाई है। यह प्रोजेक्ट देश की सुरक्षा से सम्बंधित है, इसलिए कॉलेज की ओर से रक्षामंत्री को भी मेल किया गया है। छात्रों के शोध को उचित सहायता और मार्गदर्शन की उम्मीद की गयी है।

--आईएएनएस

विकेटी/सीबीटी

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   9 Jan 2024 9:57 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story