संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने की हमास हमले के दौरान यौन हिंसा के लिए जवाबदेही की मांग

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने की हमास हमले के दौरान यौन हिंसा के लिए जवाबदेही की मांग
तेल अवीव, 9 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त दो स्वतंत्र विशेषज्ञों ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास हमले के दौरान इजरायली नागरिकों के खिलाफ किए गए यौन हिंसा सहित कई अपराधों के लिए पूर्ण जवाबदेही की मांग की है।

तेल अवीव, 9 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त दो स्वतंत्र विशेषज्ञों ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास हमले के दौरान इजरायली नागरिकों के खिलाफ किए गए यौन हिंसा सहित कई अपराधों के लिए पूर्ण जवाबदेही की मांग की है।

पिछले साल दिसंबर में, इजरायली पुलिस ने यौन हिंसा के मामलों की जांच शुरू की थी, जब अधिकारियों ने यौन हिंसा के हमलों से संबंधित 1,000 से अधिक बयान और 60,000 से अधिक वीडियो क्लिप एकत्र किए थे।

विशेषज्ञ ऐलिस जिल एडवर्ड्स और मॉरिस टिडबॉल-बिंज़ के अनुसार, अपराधों में हत्याएं, बंधक बनाना और यौन उत्पीड़न सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा सोमवार को प्रकाशित एक बयान में विशेषज्ञों ने कहा, "सशस्त्र फ़िलिस्तीनी समूहों ने गाजा पट्टी की सीमा से लगे इज़राइल में समुदायों में तोड़फोड़ की, हजारों लोगों को लक्षित और क्रूर हमलों का शिकार बनाया गया, इनमें से अधिकांश नागरिक थे।"

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा कि व्यक्तियों को उनके घरों या आश्रयों में जिंदा जला दिया गया था, जबकि शव क्षत-विक्षत या कटे-फटे पाए गए थे।

कई शवों पर फांसी से जुड़े आघात के निशान थे और कई अन्य के शरीर पर मृत्यु के समय या उसके निकट पिटाई से जुड़ी चोटें थीं।

बयान में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार, यौन हमले, अंग-भंग और गुप्तांगों में गोली मारना शामिल है।

महिलाओं के शव उनके कमर तक खींचे हुए कपड़े, जांघिया उतारे हुए या फटे हुए या खून से सने हुए पाए गए।

बयान में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है, "ये कृत्य अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन हैं, जो युद्ध अपराधों के समान हैं।"

“ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है, जो उनके अपराध को उचित ठहराती हो। हुए नुकसान को स्वीकार करना और उसका दस्तावेजीकरण करना और न्याय की तलाश शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

उन्होंने कहा, "प्रत्येक पीड़ित को पहचाने जाने का अधिकार है, चाहे उनकी जाति, धर्म या लिंग कुछ भी हो, और हमारी भूमिका उनकी आवाज़ बनने की है।"

विशेषज्ञों ने गाजा में शेष बंधकों के लिए भी गहरी चिंता व्यक्त की और उनकी तत्काल व बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया।

उन्‍होंने कहा,“हम गाजा और इज़राइल में सक्रिय संघर्ष और गंभीर मानवीय संकट के प्रति सचेत हैं। हम सभी पक्षों से युद्धविराम पर सहमत होने, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और सशस्त्र संघर्ष के दौरान किसी भी अपराध की जांच करने का आग्रह करते हैं।"

--आईएएनएस

सीबीटी

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Created On :   9 Jan 2024 10:22 AM IST

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