गुमला में हर सरकारी बिल्डिंग पर क्यूआर कोड, स्कैन करने पर मिलेगा सारा ब्योरा, दर्ज करा सकते हैं शिकायत-सुझाव

गुमला में हर सरकारी बिल्डिंग पर क्यूआर कोड, स्कैन करने पर मिलेगा सारा ब्योरा, दर्ज करा सकते हैं शिकायत-सुझाव
रांची, 12 जनवरी (आईएएनएस)। आप किसी सरकारी दफ्तर में गए हों और वहां आपको किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा हो, बिल्डिंग में उपलब्ध सुविधाओं में किसी तरह की कमी महसूस हुई हो, या फिर वहां की सेवाओं से प्रभावित हुए हों, बिल्डिंग के इतिहास या निर्माण पर आई लागत को लेकर किसी तरह की जिज्ञासा हुई हो, तो आप वहां दीवार पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन कीजिए। बिल्डिंग और वहां स्थित दफ्तर से संबंधित हर जानकारी आपके मोबाइल पर हाजिर होगी।

रांची, 12 जनवरी (आईएएनएस)। आप किसी सरकारी दफ्तर में गए हों और वहां आपको किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा हो, बिल्डिंग में उपलब्ध सुविधाओं में किसी तरह की कमी महसूस हुई हो, या फिर वहां की सेवाओं से प्रभावित हुए हों, बिल्डिंग के इतिहास या निर्माण पर आई लागत को लेकर किसी तरह की जिज्ञासा हुई हो, तो आप वहां दीवार पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन कीजिए। बिल्डिंग और वहां स्थित दफ्तर से संबंधित हर जानकारी आपके मोबाइल पर हाजिर होगी।

इस पर आप अपनी शिकायत, सुझाव, प्रतिक्रिया दर्ज कर सकते हैं। देश में पहली बार इस अभिनव प्रयोग की पहल हुई है झारखंड के गुमला जिले में। गुमला जिले के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने डिस्ट्रिक्ट डिजिटल एसेट्स रजिस्टर तैयार करवाया है। इसका मकसद जिले के सरकारी भवनों की व्यवस्था की मॉनटरिंग करना और दफ्तरों की सेवाओं को बेहतर एवं जवाबदेह बनाना है।

जिले में लगभग 300 सरकारी इमारतों और सार्वजनिक संपत्तियों पर क्यूआर कोड लगाने का काम चल रहा है। डिजिटल एसेट रजिस्टर की इस व्यवस्था के तहत कोई भी व्यक्ति इमारत पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए उससे संबंधित 45 सेकेंड को वीडियो भी अपलोड कर सकेगा।

इसके बाद जिला प्रशासन शिकायत के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। लोग सरकारी बिल्डिंग और उसमें स्थित दफ्तर की सेवाओं को लेकर एक से पांच तक के अंकों के आधार पर अपनी रेटिंग दे सकते हैं।

प्राप्त सुझावों, शिकायतों और प्रतिक्रियाओं के आधार पर सेवाओं और सुविधाओं को बेहतर करने में मदद मिलेगी। बिल्डिंग कब बनी, किसने बनाई, कितनी लागत आई, तमाम ब्योरे भी क्यूआर कोड स्कैन करते ही मिल जाएंगे। सार्वजनिक महत्व की परियोजनाओं और संपत्तियों के बारे में भी एक क्लिक पर पूरी जानकारी सामने होगी।

--आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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Created On :   12 Jan 2024 5:41 PM IST

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