राष्ट्रीय: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति में आया बदलाव जेपी नड्डा

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति में आया बदलाव  जेपी नड्डा
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव आने का दावा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी सदैव देश की चार विशेष जाति की बात करते हैं, जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति शामिल हैं। इनको न बांट कर प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास से देश को आगे बढ़ाने का काम किया है।

नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव आने का दावा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी सदैव देश की चार विशेष जाति की बात करते हैं, जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति शामिल हैं। इनको न बांट कर प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास से देश को आगे बढ़ाने का काम किया है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को नई दिल्ली में सुशासन महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि गुड गवर्नेंस कोई स्लोगन नहीं है बल्कि गुड गवर्नेंस एक स्पिरिट है।

पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने लंबे समय तक सरकारें चलाईं, सबका वोट लिया, सबके लिए घोषणा पत्र तैयार किया। लेकिन, सत्ता में आने के बाद वे सरकारें किसी जाति प्रधान व वर्ग विशेष की सरकार बन गईं। वोट बैंक की राजनीति का शिकार हो गईं। गुड गवर्नेंस की बातें करते-करते वे सरकारें बैड गवर्नेंस में बदल गईं।

उन्होंने कहा कि परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण उन सभी सरकारों के कुशासन के पर्याय ही हैं। मोदी सरकार के कामकाज का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के विकास पर जोर दिया है और जन कल्याण की नीतियां और योजनाएं बनाकर अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं के लाभ को पहुंचाना सुनिश्चित किया है। नई शिक्षा नीति, नई स्वास्थ्य नीति और डिजिटलीकरण सुशासन का ही उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में जीवन की गुणवत्ता, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे सहित हर क्षेत्र में विकास हुआ है और भारत की जनता उसका लाभ ले रही है। सुशासन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। सुशासन भाजपा के लिए कोई नया शब्द या विषय नहीं है। देश में राम राज्य की परिकल्पना, छात्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही सुशासन और उसके घटकों की चर्चा और कार्यान्वन होता आया है। सुशासन कोई नारा नहीं है, यह एक भावना है, जिसे आप जीते हैं। जब तक व्यक्ति अनुभूति नहीं करता कि जीवन के लिए सुशासन आवश्यक है, तब तक वह सुशासन को केवल एक नारे की तरह ही उपयोग कर पाता है।

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Created On :   9 Feb 2024 11:39 PM IST

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