भारत-सऊदी अरब की साझेदारी आपसी विश्वास और साझा समृद्धि पर आधारित पीयूष गोयल

भारत-सऊदी अरब की साझेदारी आपसी विश्वास और साझा समृद्धि पर आधारित  पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह और उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात को लेकर जानकारी दी।

नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह और उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात को लेकर जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह और उनके प्रतिनिधिमंडल से मिलकर बेहद खुशी हुई।"

केंद्रीय मंत्री गोयल ने दोनों देशों के संबंधों को लेकर कहा कि हमारी साझेदारी आपसी विश्वास और साझा समृद्धि पर आधारित होने के साथ लगातार मजबूत बनती जा रही है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, "हमने भारत-सऊदी अरब के आर्थिक संबंधों को पहले से अधिक मजबूत बनाने, टेक्नोलॉजी, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टार्टअप्स सहित अन्य क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों को लेकर चर्चा की।"

भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय समझौते की बात करें तो हाल ही में, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सऊदी अरब के संस्कृति मंत्री प्रिंस बदर बिन अब्दुल्ला बिन फरहान अल सऊद ने 9 नवंबर 2025 को रियाद में सांस्कृतिक सहयोग पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कला, विरासत, संगीत और साहित्य सहित विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाया जा सके।

यह साझोदारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, नियामक और नीतिगत अनुभवों को साझा करने और त्योहारों एवं आयोजनों में भागीदारी को सुगम बनाने पर आधारित है।

यह समझौता सांस्कृतिक संस्थानों के बीच संचार को भी प्रोत्साहित करता है और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण से संबंधित ज्ञान और व्यवहार के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।

केंद्र के अनुसार, सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2024-25 में 41.88 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इसमें रसायन और पेट्रोकेमिकल्स का योगदान 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर है।

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Created On :   12 Nov 2025 3:37 PM IST

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