कूटनीति: कनाडा ‘इस मुश्किल दौर में उम्मीद की किरण हैं पीएम मोदी’, बोले प्रवासी भारतीय

ओटावा, 17 जून (आईएएनएस)। कनाडा में प्रवासी भारतीयों ने जी-7 सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर खुशी जाहिर की है। प्रवासी भारतीयों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे हैं। निसंदेह उनके आगमन से यहां रहने वाले प्रवासी भारतीयों में खुशी की लहर है। निश्चित तौर पर इस मुश्किल दौर में पीएम मोदी उम्मीद की नई किरण हैं।
प्रवासी भारतीय तृप्ति जैन ने कहा कि निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से आने वाले दिनों में भारत-कनाडा के रिश्ते मधुर होंगे। जिस तरह से बीते दिनों दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास पैदा हो गई थी, अब वो दूर होगी। दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि हम भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हैं। ऐसी स्थिति में यह हमारे लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब रहें। हमें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री दोनों देशों के बीच रिश्तों को पटरी पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। मुझे लगता है कि अगर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते अच्छे रहेंगे, तो यह दोनों देशों के लिए ठीक रहेगा। साथ ही, प्रधानमंत्री के मौजूदा रुख से यह साफ जाहिर हो रहा है कि वो आगामी दिनों इस दिशा में जरूर कुछ कदम उठाएंगे।
प्रवासी नागरिक नरेश कुमार छाबड़ा ने कहा कि जिस तरह से भारत को जी-7 सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया गया, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि मौजूदा समय में पूरा विश्व भारत की बढ़ती ताकत और साख को स्वीकार कर रहा है। निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि पीएम मोदी का जी-7 सम्मेलन में शामिल होना भारत के लिए अद्भुत है। आज की तारीख में भारत हर क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल कर रहा है। जिसे पूरा विश्व देख रहा है।
लेखक और पॉडकास्टर कुशल मेहरा ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल करने के लिए निमंत्रण भेजना एक अच्छा कदम है, क्योंकि पिछले तीन सालों से दोनों देशों के बीच वार्ता के द्वार बंद रहे हैं। ऐसी स्थिति में पीएम मोदी के आगमन से दोनों देशों के बीच फिर से वार्ता के द्वार खुलेंगे और बेपटरी हो चुके रिश्ते पटरी पर लौटेंगे। इससे आगामी दिनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते मधुर होंगे। यह दोनों ही देशों के लिए एक सुखद संकेत है, जिसकी हम सभी को तारीफ करनी चाहिए।
मान पारेख ने कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते पिछले कुछ वर्षों से बिल्कुल भी ठीक नहीं रहे हैं। लेकिन, जिस तरह से जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया, उससे दोनों देशों के बीच आने वाले दिनों में सुधरेंगे। इसकी उम्मीद देखने को मिल रही है।
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Created On :   17 Jun 2025 9:23 AM IST