बाजार: राजनीतिक स्थिरता ने भारत को आत्मविश्वास की एक नई भावना दी है जेकेएलयू पुरस्कार विजेता दीपक पारेख
जयपुर, 29 मार्च (आईएएनएस)। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाले भू-राजनैतिक तनावों के बीच, भारत ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती जीडीपी दर की अपनी गति बरकरार रखी है। इसका श्रेय देश की राजनीतिक स्थिरता को जाता है, जिसने इसे आत्मविश्वास एक नई भावना दी है। यह बात जेकेएलयू पुरस्कार विजेता दीपक पारेख ने कही।
पारेख ने बुधवार को जेकेएलयू पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपने संबोधन में कहा,"हम पहले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी युद्धों के प्रभाव को देख चुके हैं। हम भाग्यशाली है कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है। इसने देश को आत्मविश्वास एक नई भावना दी है।"
उन्होंने कहा, "भारत न केवल अपनी विकास गति के कारण, बल्कि अन्य देशों के साथ मजबूत संबंधों के कारण विश्व का केंद्र बिंदु बन गया है।"
जेके संगठन की एक पहल, जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय (जेकेएलयू) द्वारा पारेख को जेकेएलयू पुरस्कार 2024 प्रदान किया गया। जयपुर में विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जेकेएलयू यूट्यूब चैनल के जरिए दुनिया भर से लोग इस कार्यक्रम से जुड़े।
'विकसित भारत/विज़न इंडिया 2047: युवाओं के लिए अवसर' शीर्षक से हरि शंकर सिंघानिया मेमोरियल भाषण देते हुए पारेख ने कहा कि भारत के युवा सबसे भाग्यशाली हैं, जो देश को विकसित होते देख रहे हैं।
पारेख ने कहा,"यह सच है कि कुछ पीढ़ियां दूसरों की तुलना में अधिक भाग्यशाली होती हैं। भारत को विकसित होते देखना आप सभी युवाओं का सौभाग्य है। भारत के विकास की दुनिया भर में सराहना हो रही है। आपका अपने जन्म के समय पर नियंत्रण नहीं था, लेकिन भारत को विकसित होते देखने वालों की पीढ़ी में एक बार मिलने वाले इस अवसर को देखने और उसका दोहन करने पर आपका नियंत्रण है।''
उन्होंने कहा,"हम सभी जानते हैं कि तीन वर्षों में जापान और जर्मनी को पछाड़कर भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। पारेख ने कहा, आजादी के बाद भारत को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लग गए। 2014 में दो ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था, और 2019 में तीन ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश भारत हो गया। उन्होंने कहा, महामारी ने हमें पीछे धकेल दिया। अब 2027-28 तक देश की अर्थव्यवस्था के पांच ट्रिलियन-डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। कई पूर्वानुमान बताते हैं कि विकास पर जोर से भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण 2030 तक 4.4 ट्रिलियन के मौजूदा स्तर से 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।”
पारेख ने कहा," भारत ने कुछ समय से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का टैग अपने पास रखा है। संस्थागत ताकत और शासन में सुधार, उद्यमिता के उदय और स्थिर राजनीतिक नेतृत्व ने देश को वहां पहुंचा दिया है, जहां दुनिया भारत को चाहती है।"
हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) के पूर्व चेयरमैन के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रसिद्ध, दीपक पारेख ने एचडीएफसी को वैश्विक प्रशंसा दिलाई और दुनिया भर के शीर्ष 10 बैंकों में शुमार किया। एचडीएफसी के अलावा, वह भारत में सीमेंस लिमिटेड के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) के बोर्ड में कार्य करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, उनकी डीपी वर्ल्ड - यूएई के बोर्ड और एक्सेंचर, इन्वेस्टकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड, वारबर्ग पिंकस एलएलसी और फेयरब्रिज कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के सलाहकार बोर्ड में भूमिका है।
इसके पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन, लॉर्ड मेघनाद देसाई, बेस्टसेलिंग लेखक राम चरण, एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य और सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक आर ए माशेलकर जैसी प्रतिष्ठित हस्तियाें को यह पुरस्कार उनके अमूल्य सामाजिक योगदान के लिए प्रदान किया जा चुका है।
अपने शानदार करियर के दौरान, पारेख को पद्म भूषण, 'बुंडेसवेरडिएंस्टक्रेज़' (जर्मनी का क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मेरिट), और फ्रांसीसी गणराज्य द्वारा 'नाइट इन द ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं। इससे वैश्विक कद के एक दूरदर्शी नेता के रूप में उनकी पहचान बनी है।
कार्यक्रम में पारेख ने कहा, "हालांकि जेकेएलयू एक नया विश्वविद्यालय है, इसकी प्रेरणा का श्रेय लक्ष्मीपत सिंघानिया एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक लाला लक्ष्मीपत सिंघानिया की भविष्यवादी दृष्टि को दिया जाता है।"
युवाओं को सलाह देते हुए उन्होंने जोर देकर कहा, "वित्तीय लालच और अहंकार के नुकसान से सावधान रहें। दयालुता पैदा करें, हालांकि इससे आपका काम फीका पड़ सकता है, लेकिन आप दूसरों को कैसा महसूस कराते हैं, इसका प्रभाव बना रहेगा। निडर होकर परिवर्तन को अपनाएं और सीखना कभी बंद न करें। बुजुर्गों और युवाओं दोनों के साथ जुड़ने के लिए समय निकालें, क्योंकि वे अमूल्य ज्ञान और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।"
कार्यक्रम की शुरुआत जेकेएलयू के कुलपति धीरज सांघी द्वारा मेहमानों के स्वागत के साथ हुई। जेकेएलयू के प्रो-चांसलर आर.पी. सिंघानिया ने जेकेएलयू लॉरिएट अवार्ड के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में शाम का मुख्य आकर्षण दीपक पारेख को पुरस्कार प्रदान करना था। साथ ही जेके संगठन के सम्मानित पूर्व अध्यक्ष हरि शंकर सिंघानिया के असाधारण जीवन और दृष्टिकोण का सम्मान करने वाली एक मार्मिक फिल्म थी।
जेकेएलयू के प्रो-चांसलर आर.पी. सिंघानिया ने कहा,"आज, हम दीपक पारेख को सम्मानित कर असाधारण व्यक्तियों की उपलब्धियों की सराहना कर रहे हैं। 2047 तक एक सशक्त भारत के निर्माण और हमारे युवाओं की क्षमता को विकसित करने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा, आईए हम अटूट संकल्प और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ें, समर्पण और अखंडता से प्रेरित होने पर प्रगति सुनिश्चित है।"
जेकेएलयू के कुलपति धीरज सांघी ने कहा, "लॉरिएट पुरस्कार उत्कृष्टता और विशिष्टता का प्रतीक है, जो जेकेएलयू की सबसे सम्मानित प्रशंसा का प्रतिनिधित्व करता है। इस वर्ष यह पुरस्कार दीपक पारेख को प्रदान करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।"
उन्होंने कहा, "वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में श्री पारेख अपने आप में एक संस्था हैं। जब ऐसे व्यक्तित्व को कोई पुरस्कार मिलता है, तो इससे न सिर्फ उसका सम्मान होता है, बल्कि पुरस्कार प्रदान कर हम भी सम्मानित होते हैं।"
इस अवसर पर जेकेएलयू के प्रो-चांसलर एच.पी. सिंघानिया ने कहा, "इस सम्मानित सभा के बीच पारेख को सम्मानित करना और उनका जेकेएलयू लॉरिएट पुरस्कार विनम्रतापूर्वक स्वीकार करना हमारे लिए सम्मान की बात है। आज यहां उनकी विशिष्ट उपस्थिति के लिए हम उनके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।" हम श्री पारेख की महत्वपूर्ण बातों के लिए उनकी सराहना करते हैं, विशेष रूप से परिवर्तन को अपनाने, निरंतर सीखने और विविध सहयोग को बढ़ावा देने पर उनके जोर, जिसमें 70 से अधिक और छह साल से कम उम्र के व्यक्तियों के साथ जुड़ने की उनकी मूल्यवान सलाह भी शामिल है।''
इस सार्थक परंपरा के माध्यम से, जेकेएलयू उन दूरदर्शी नेताओं को स्वीकार करने और खुशी मनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, जिन्होंने हमारे देश की यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2011 में जे.के.संगठन (जेकेओ) द्वारा स्थापित जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय (जेकेएलयू) एक अग्रणी संस्थान है, जो राष्ट्र-निर्माण की जेकेओ की शानदार 125 साल की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उद्योग-अकादमिक अंतर को पाटने के लिए प्रतिबद्ध है।
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Created On :   29 March 2024 4:33 PM IST