राजनीति: ‘भयावहता को याद करने का दिन है’, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

‘भयावहता को याद करने का दिन है’, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम संबोधन में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह भयावहता को याद करने का दिन है।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम संबोधन में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह भयावहता को याद करने का दिन है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एकजुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।”

उन्होंने आगे कहा, “हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे।”

उन्होंने कहा, “इस वर्ष, हमारे देश में आम चुनाव हुए। कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 97 करोड़ थी, जो एक ऐतिहासिक कीर्तिमान है। मानव समुदाय, इतिहास की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया का साक्षी बना। इस तरह के विशाल आयोजन के सुचारू और त्रुटि-रहित संचालन के लिए भारत का निर्वाचन आयोग बधाई का पात्र है। मैं उन सभी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने भीषण गर्मी का सामना करते हुए, मतदाताओं की मदद की। इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करना वस्तुतः लोकतंत्र की विचारधारा का प्रबल समर्थन है। भारत द्वारा सफलतापूर्वक चुनाव आयोजित करने से पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है।”

उन्होंने कहा, “इस वर्ष, हमारे देश में आम चुनाव हुए। कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 97 करोड़ थी, जो एक ऐतिहासिक कीर्तिमान है। मानव समुदाय, इतिहास की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया का साक्षी बना। इस तरह के विशाल आयोजन के सुचारू और त्रुटि-रहित संचालन के लिए भारत का निर्वाचन आयोग बधाई के योग्य है। मैं उन सभी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने भीषण गर्मी का सामना करते हुए, मतदाताओं की मदद की। इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करना वस्तुतः लोकतंत्र की विचारधारा का प्रबल समर्थन है। भारत द्वारा सफलतापूर्वक चुनाव आयोजित करने से पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है।”

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   14 Aug 2024 10:18 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story