विज्ञान/प्रौद्योगिकी: एशिया प्रशांत 'सोलर फोटोवोल्टिक' के लिए सबसे बड़ा बाजार, भारत एक उज्ज्वल स्थान

एशिया प्रशांत सोलर फोटोवोल्टिक के लिए सबसे बड़ा बाजार, भारत एक उज्ज्वल स्थान
एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र 2024 में सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) के लिए 1.18 टेरावाट और विंड इंस्टॉल्ड कैपेसिटी के लिए 0.67 टेरावाट के साथ सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है।

नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र 2024 में सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) के लिए 1.18 टेरावाट और विंड इंस्टॉल्ड कैपेसिटी के लिए 0.67 टेरावाट के साथ सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है।

सोलर पीवी सिस्टम नए निवेशों की अगुआई करने के लिए तैयार हैं, जो ऑनशोर और ऑफशोर दोनों विंड सेक्टर से आगे निकल रहे हैं।

एक प्रमुख डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडाटा के अनुसार, सोलर पीवी ने 2024 में 329.1 बिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया। इसके विपरीत, ऑनशोर विंड इंवेस्टमेंट 151.2 बिलियन डॉलर था, जबकि ऑफशोर विंड इंवेस्टमेंट 2024 के अंत तक 69.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

ग्लोबलडाटा के पावर एनालिस्ट रेहान शिलेदार ने कहा, "2030 तक ऑनशोर विंड सेक्टर के 186.9 बिलियन डॉलर और ऑफशोर विंड सेक्टर के 150.4 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। ये आंकड़े ऑनशोर विंड के लिए 4 प्रतिशत की सीएजीआर और ऑफशोर विंड के लिए 14 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के अनुरूप हैं, जो इन रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों के लिए मजबूत विकास का संकेत है।"

रिन्यूएबल रिसोर्स, विशेष रूप से सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) और विंड एनर्जी, वैश्विक स्तर पर एनर्जी पोर्टफोलियो में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर रहे हैं।

मुख्य रूप से घटती लागत और मजबूत नीति समर्थन, विशेष रूप से सोलर पीवी और विंड एनर्जी के लिए, ग्लोबल रिन्यूएबल पावर इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 2024 के 3.42 टेरावाट से बढ़कर 2025 तक 11.2 टेरावाट होने का अनुमान है।

इस महीने की शुरुआत में एक दूसरी इंडस्ट्री रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत का सोलर पीवी बैलेंस ऑफ सिस्टम (बीओएस) बाजार एक मजबूत विकास पथ पर है और 2024 में लगभग 3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक लगभग 7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 16 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज करता है।

1-लैटिस की लेटेस्ट इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, कई कारक इस वृद्धि को आगे बढ़ा रहे हैं, जैसे 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का लक्ष्य और देश की जरूरत की 50 प्रतिशत बिजली रिन्यूएबल स्रोतों से हासिल करना।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पीएम-कुसुम, ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम और दिल्ली सौर ऊर्जा नीति जैसी सक्षम योजनाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को अपनाने में मदद कर रही हैं।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   31 May 2025 2:51 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story