राजनीति: झारखंड के राज्यपाल ने दुमका में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, कहा- देश के विकास में राज्य का अहम योगदान
दुमका, 15 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य की उपराजधानी दुमका में तिरंगा फहराया। उन्होंने सशस्त्र बलों के परेड की सलामी ली और इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
उन्होंने परेड में भाग लेने वाले जवानों, उत्कृष्ट कर्मियों को भी सम्मान प्रदान किया।
राज्यपाल ने इस मौके पर अपने संबोधन में आजादी की लड़ाई में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, उधम सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे अमर शहीदों को नमन किया।
उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डॉ भीमराव अम्बेडकर, मौलाना आजाद जैसे नेताओं के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके संघर्ष, त्याग, बलिदान की बदौलत ही आज हम एक समृद्ध राष्ट्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
राज्यपाल ने भारत सरकार और झारखंड की सरकार की ओर से नागरिकों की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश-राज्य के विकास के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था का होना आवश्यक है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पुराने ब्रिटिश समय के कानूनों को हटाते हुए तीन नए कानून देश में लागू किए हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य दोषी को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाना है। देश की कानून- व्यवस्था को बेहतर बनाने में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने झारखंड में नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों द्वारा निरंतर चलाये जा रहे अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल अब तक 143 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है एवं पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ों में 6 नक्सली मारे गये हैं। नक्सलियों के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अब तक कुल 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि आजादी के बाद देश ने विकास की जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उसमें झारखंड का भी अहम योगदान है। राज्य के विकास हेतु विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की ओर से व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ लक्षित समूहों तक पहुंचे, इसके लिए आवश्यक है कि प्रशासन चुस्त-दुरूस्त, संवेदनशील एवं पारदर्शी हो, लोग विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक हों।
राज्यपाल ने कहा कि हमें यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम संविधान एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप मन, वचन और कर्म से आचरण करें, तभी स्वाधीनता की सार्थकता सिद्ध हो सकती है।
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Created On :   15 Aug 2024 12:16 PM IST