विज्ञान/प्रौद्योगिकी: रिलायंस पावर को फर्जी दस्तावेजों के साथ बोली लगाने की अनुमति देने के लिए एसईसीआई प्रमुख को केंद्र ने हटाया सूत्र

रिलायंस पावर को फर्जी दस्तावेजों के साथ बोली लगाने की अनुमति देने के लिए एसईसीआई प्रमुख को केंद्र ने हटाया  सूत्र
केंद्र सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आरपी गुप्ता को अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस पावर को फर्जी दस्तावेजों के साथ बोली लगाने की अनुमति देने के लिए बर्खास्त कर दिया। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई।

नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आरपी गुप्ता को अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस पावर को फर्जी दस्तावेजों के साथ बोली लगाने की अनुमति देने के लिए बर्खास्त कर दिया। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई।

गुजरात कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी गुप्ता को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।

हालांकि, सरकार ने इस निर्णय के पीछे सार्वजनिक रूप से कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन न्यू एवं रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय (एमएनआरई) के सूत्रों ने बताया कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके एक प्रमुख टेंडर में रिलायंस पावर की भागीदारी को मंजूरी देने को लेकर गुप्ता को बर्खास्त किया गया है।

पिछले साल अक्टूबर में ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि रिलायंस पावर ने एसईसीआई टेंडर में गारंटर के तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा जारी की गई बैंक गारंटी जमा की थी। हालांकि, बाद में एसबीआई ने ऐसी गारंटी जारी करने से इनकार किया और साथ ही रिलायंस पावर द्वारा इस्तेमाल की गई ईमेल आईडी को फर्जी बताया था।

इन आरोपों के बाद भी एसईसीआई ने कंपनी को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने की मंजूरी दी।

एसबीआई के इनकार के बाद एसईसीआई को टेंडर रद्द करने और रिलायंस पावर को भविष्य की बोलियों से रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा।

सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों में कमियों होने के बावजूद कंपनी को बोली की अनुमति देने में गुप्ता की भूमिका ही उन्हें पद से हटाने का प्रमुख कारण है।

गुप्ता जून 2023 से एसईसीआई के शीर्ष पद पर थे, उनका कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने वाला था।

एमएनआरई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "नकली गारंटी का मामला सिर्फ एक गलती नहीं थी, बल्कि यह एसईसीआई में नियमित रूप से होने वाली जांच और बैलेंस की पूरी तरह से विफलता थी। सरकार इसे अनदेखा नहीं कर सकती थी, खासकर जब इसमें रिलायंस पावर जैसी हाई-प्रोफाइल कंपनी शामिल हो।"

खबर प्रकाशित करने से पहले इस मामले पर एसईसीआई, एमएनआरई और रिलायंस पावर से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई। हालांकि, अभी कोई जवाब नहीं मिला।

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Created On :   13 May 2025 10:51 AM IST

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