राष्ट्रीय: ईडी को लिखे पत्र में सोरेन ने कहा, 'पॉलिटिकल एजेंडे के तहत हो रही आपकी कार्रवाई...'

ईडी को लिखे पत्र में सोरेन ने कहा, पॉलिटिकल एजेंडे के तहत हो रही आपकी कार्रवाई...
सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को मेल के जरिए भेजे गए पत्र में कहा है कि आपकी ओर से की जा रही कार्रवाई पॉलिटिकल एजेंडा के तहत राज्य की सरकार के कामकाज को बाधित करने और निर्वाचित जनप्रतिनिधि को उसकी ऑफिशियल ड्यूटी से रोकने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश है।

रांची, 29 जनवरी (आईएएनएस)। सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को मेल के जरिए भेजे गए पत्र में कहा है कि आपकी ओर से की जा रही कार्रवाई पॉलिटिकल एजेंडा के तहत राज्य की सरकार के कामकाज को बाधित करने और निर्वाचित जनप्रतिनिधि को उसकी ऑफिशियल ड्यूटी से रोकने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश है।

सोरेन ने लिखा है कि आप भलीभांति अवगत हैं कि 2 फरवरी से 29 फरवरी के बीच विधानसभा का बजट सत्र आयोजित होना है, जिसकी तैयारी को लेकर उनकी व्यस्तता है। इसके साथ ही उनकी पूर्वनिर्धारित ऑफिशियल व्यस्तताएं हैं। इसके बावजूद 31 जनवरी या उसके पहले उनका बयान दर्ज करने के लिए जोर दिए जाने से आपका पॉलिटिकल एजेंडा उजागर हो गया है। उन्हें समन जारी किया जाना कानून की ओर से दी गई शक्तियों का दुरुपयोग और पूरी तरह उन्हें परेशान करने की कार्रवाई है।

ईडी ने 25 जनवरी को सीएम सोरेन को समन भेजा था, जिसमें उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए 29 से 31 जनवरी के बीच का समय तय करने को कहा गया था। इसके जवाब में सोरेन ने सोमवार को दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर मेल भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि वे 31 जनवरी को दिन के एक बजे अपने आवास पर बयान दर्ज कराएंगे।

सोरेन ने मेल में 20 जनवरी को ईडी की ओर से सात घंटे तक की गई पूछताछ का जिक्र करते हुए कहा है कि उस दिन आपकी टीम ने मुझसे 17-18 सवाल पूछे। उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए। इनमें से ज्यादातर सवाल मेरे द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष फाइल की गई एफिडेविट की त्रुटियों से संबंधित थे। तीन-चार सवाल रांची के बड़गाईं अंचल स्थित जमीन के एक प्लॉट को लेकर पूछे गए।

गलत तरीके से आरोप लगाया गया कि इस पर मेरा मालिकाना हक और दखल है। इसके बाद मैंने इस भूमि के बारे में पता लगाया तो जानकारी सामने आई कि यह “भूईंहरी” नेचर की जमीन है, जिसकी किसी भी तरह से खरीद-बिक्री नहीं हो सकती। यह जमीन पिछले पांच दशक से एक पाहन (आदिवासी पुजारी) परिवार के पास है।

यह साफ है कि इस जमीन से जुड़े आपके सवाल गलत थे। ऐसे सवाल पूछा जाना सिर्फ समय की बर्बादी है। सीएम ने कहा है कि आपने सोहराई भवन और सोहराई इवेंट्स के बैंक खातों में 2018 से 2022 के बीच जमा की गई राशि के बारे में पूछा, जबकि, ये मेरी पत्नी द्वारा स्वतंत्र रूप से चलाए जाने वाले कारोबार हैं।

--आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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Created On :   29 Jan 2024 4:41 PM GMT

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