क्रिकेट: सोशल मीडिया पर सौरव गांगुली के एथनिक लुक ने लगाई आग, शांत नहीं हो पा रहे प्रशंसक!

सोशल मीडिया पर सौरव गांगुली के एथनिक लुक ने लगाई आग, शांत नहीं हो पा रहे प्रशंसक!
क्रिकेट की सफेद जर्सी को छोड़िए, क्योंकि फैशन में सौरव गांगुली ने एक बिल्कुल नई पारी शुरू की है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान, जिन्हें प्यार से दादा कहा जाता है, एक शाही एथनिक लुक में नजर आने के बाद वायरल हो गए हैं, जिसके बाद फैंस उन्हें 'पिच और स्टाइल का बादशाह' कहने लगे हैं।

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। क्रिकेट की सफेद जर्सी को छोड़िए, क्योंकि फैशन में सौरव गांगुली ने एक बिल्कुल नई पारी शुरू की है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान, जिन्हें प्यार से दादा कहा जाता है, एक शाही एथनिक लुक में नजर आने के बाद वायरल हो गए हैं, जिसके बाद फैंस उन्हें 'पिच और स्टाइल का बादशाह' कहने लगे हैं।

इस ट्रेंडिंग फोटोशूट में गांगुली ने अपने बोर्डरूम ब्लेजर की जगह बारीक डिजाइन वाले धोती-कुर्ते पहने, और सच कहूं तो उन्होंने कमाल कर दिया। बारीक कढ़ाई से लेकर सहज स्वैग तक, कोलकाता के राजकुमार हर तरह से त्योहारों के मौसम के शोस्टॉपर लग रहे थे।

सोशल मीडिया पर बिना समय गंवाए तारीफों की बौछार हो गई, मीम्स प्रशंसकों के एडिट में बदल गए और टाइमलाइन गांगुली के सदाबहार आकर्षण का जश्न मनाने वाले पोस्ट से भर गईं। एक प्रशंसक ने खुशी से कहा, "यह आदमी मैच और दिल दोनों ही बराबर जीत सकता है," जबकि दूसरे ने उन्हें 'बेहतरीन स्टाइल दादा' का खिताब दिया।

बेशक, बड़ा सवाल यह है कि क्या हो रहा है? त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है, ऐसे में कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि यह शूट किसी ब्रांड अभियान या किसी खास सहयोग से जुड़ा हो सकता है। आधिकारिक घोषणा अभी गुप्त है, लेकिन चर्चा बढ़ती ही जा रही है।

एक बात तो तय है कि गांगुली खुद को नए सिरे से गढ़ना जानते हैं। लॉर्ड्स में अपनी जर्सी लहराने से लेकर धोती पहनकर देसी अंदाज को नई परिभाषा देने तक, दादा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि दिग्गज कभी भी फैशन से बाहर नहीं होते।

गांगुली को भारत के सबसे प्रभावशाली क्रिकेट कप्तानों में से एक माना जाता है। 2000 से 2005 के बीच राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करते हुए उन्होंने अपने आक्रामक नेतृत्व से भारतीय क्रिकेट को बदल दिया और कई भावी सितारों की नींव रखी। उनकी कप्तानी में भारत 2003 के आईसीसी विश्व कप के फाइनल में पहुंचा और विदेशों में यादगार टेस्ट जीत हासिल की।

2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद गांगुली प्रशासन में सक्रिय रहे और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष बने। मैदान के अंदर और बाहर अपने करिश्मे के लिए जाने जाने वाले, उन्हें खेल से परे एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 Sept 2025 6:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story