राजनीति: किसान, रोजगार, टेक्नोलॉजी जैसे मुद्दों पर पीएम मोदी ने की बात
नई दिल्ली, 03 जुलाई (आईएएनएस)। राज्यसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, वैश्विक परिस्थितियां ऐसी उत्पन्न हुईं कि फर्टिलाइजर का बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया था, लेकिन हमने किसान को दिक्कत में नहीं आने दिया। हमने करीब करीब 12 लाख करोड़ रुपए फर्टिलाइजर में सब्सिडी दी है। यह भारत की आजादी के इतिहास में सर्वाधिक है। इसी का परिणाम है कि फर्टिलाइजर का इतना बड़ा बोझ किसान तक जाने नहीं दिया। सरकार ने इसे अपने कंधे पर उसको उठा लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं कर्तव्य से बंधा हुआ हूं। देश का सेवक हूं। देश की जनता को अपने पल-पल का हिसाब देना, मैं अपना कर्तव्य मानता हूं। वह राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अपनी बात रख रहे थे, तो उस दौरान विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वाॅकआउट भी किया। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश देख रहा है, झूठ फैलाने वालों में सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती। सत्य से मुकाबला करने के लिए इनके हौसले नहीं है। उनके पास अपने ही उठाए हुए सवालों का जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ये संसद के उच्च सदन को अपमानित कर रहे हैं। यह उच्च सदन की महान परंपरा को अपमानित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के लिए कहा कि देश की जनता ने हर तरह से उनको इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली मोहल्ले में चीखने के अलावा कुछ बचा नहीं। नारेबाजी हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना, यही उनके नसीब में लिखा है।
प्रधानमंत्री ने सदन को बताया, हमने एमएसपी में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की। खरीद के नए रिकॉर्ड बनाए। पहले एमएसपी की घोषणा होती थी, लेकिन किसानों से कुछ खरीदा नहीं जाता था। हमने 10 वर्षों में कांग्रेस सरकार की तुलना में धान और गेहूं के किसानों तक ढाई गुना अधिक पैसा पहुंचाया है। अन्न भंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हमने हाथ में लिया है। लाखों की तादाद में विकेंद्रित व्यवस्था के तहत अन्न भंडारणों की रचना करने की दिशा में काम चल पड़ा है। फल और सब्जी के भंडारण की दिशा में भी हम काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा एक कनविक्शन है, मैं मानता हूं कि आज समय की मांग है कि हमारे नागरिकों के जीवन से सरकार की दखल कम हो, उस दिशा में हमें प्रयास करना चाहिए। हां, जिनको सरकार की जरूरत है, जिनके जीवन में सरकार की उपयोगिता व आवश्यकता है, उनके जीवन में सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए। लेकिन जो अपने बलबूते पर, जीवन को आगे बढ़ना चाहते हैं, सरकार का प्रभाव उन्हें रोकने का प्रयास न करे। इसलिए सरकार का दखल जितना कम हो, ऐसी व्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए मैं राज्यों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं विश्व मंच पर जाता हूं। विश्व के अनेक लोगों से मिलता रहता हूं और मैं आज अनुभव कर रहा हूं कि पूरा विश्व निवेश के लिए तैयार है व भारत उनकी पहली पसंद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे राज्यों में निवेश आना चाहिए, निवेश का पहला द्वार तो राज्य ही होते हैं। राज्य जितना ज्यादा इस अवसर को जुटाएंगे, मैं मानता हूं उतना ही उनका विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सदन एक प्रकार से राज्यों से जुड़ा हुआ सदन है और इसलिए राज्यों के विकास के फोकस एरिया की चर्चा मैं सदन में करना मैं उचित मानता हूं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, मैं कुछ आग्रह भी साझा करना चाहता हूं। आज हम ऐसी स्थिति में हैंं, जहां हम अगली क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। इसलिए सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर में हर राज्य को प्राथमिकता से अपनी नीति बनानी चाहिए। योजनाओं को लेकर आगे आना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं चाहता हूं कि राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा हो। निवेश आकर्षित करने वाली नीतियों में स्पर्धा हो और वह भी गुड गवर्नेंस के माध्यम से। प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन में भी राज्यों के बीच स्पर्धा होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बताया कि यूएन ने 2023 को 'ईयर ऑफ मिलेट' के रूप में घोषित किया था। यह भारत की अपनी खुद की ताकत है, मिलेट। यह हमारे छोटे किसानों की ताकत है। जहां कम पानी है, जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है, वहां पर मिलेट है, जो एक सुपर फूड है। मैं मानता हूं कि राज्यों को इसके लिए आगे आना चाहिए। मिलेट को लेकर वैश्विक बाजार में जाने की योजना बनाएं, दुनिया की हर टेबल पर भारत का मिलेट होगा।
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Created On :   3 July 2024 10:42 PM IST