तेलंगाना तीन चरणों में संपन्न होंगे ग्राम पंचायत चुनाव
हैदराबाद, 25 नवंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना में ग्राम पंचायत चुनाव अगले महीने तीन चरणों में होंगे।
तेलंगाना राज्य आयोग ने मंगलवार को अधिसूचना जारी की, जिसके मुताबिक 11, 14, और 17 दिसंबर को 12,728 सरपंच पदों और 1,12,242 वार्डों के लिए चुनाव होंगे।
राज्य चुनाव आयुक्त आई. रानी कुमुदिनी ने कहा, "इसके साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।"
उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक वोटिंग होगी और वोटों की गिनती उसी दिन दोपहर 2 बजे से होगी।
इन चुनावों में ग्रामीण इलाकों के कुल 1.66 करोड़ वोटर अपने मतों का प्रयोग करेंगे।
एसईसी ने याद दिलाया कि चुनाव का नोटिफिकेशन 29 सितंबर को जारी किया गया, लेकिन बाद में उसे रोक दिया गया था। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन 27 नवंबर को शुरू होंगे, जबकि नाम वापसी की आखिरी तारीख 3 दिसंबर होगी।
दूसरे चरण के लिए, नामांकन 30 नवंबर से होंगे, जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 6 दिसंबर होगी। आखिरी चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 3 दिसंबर से चालू होगी, जबकि नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख 9 दिसंबर होगी।
एसईसी ने पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए ग्राम पंचायतों में 17.08 प्रतिशत आरक्षण दिया है। कुल 12,735 ग्राम पंचायतों में से 2,176 बीसी के लिए आरक्षित की गई हैं।
जिन 31 ज़िलों में चुनाव होंगे, उनमें सिद्दीपेट में सबसे अधिक 26,772 बीसी आरक्षण है। भद्राद्री कोठागुडेम ज़िले में, कोई भी ग्राम पंचायत बीसी के लिए आरक्षित नहीं की गई है।
तेलंगाना कैबिनेट ने 17 नवंबर को दिसंबर में सिर्फ ग्राम पंचायत चुनाव कराने का फैसला किया, क्योंकि केंद्र से मिलने वाला 3000 करोड़ रुपये का अनुदान 31 मार्च, 2026 तक खत्म हो जाएगा।
15वें वित्तीय आयोग की अवधि 31 मार्च, 2026 को खत्म हो रही है, इसलिए अगर डेडलाइन से पहले चुनाव नहीं हुए तो ग्राम पंचायतों को केंद्र से मिलने वाला 3000 करोड़ रुपये का अनुदान लैप्स हो जाएगा।
यह घोषणा की गई कि मंडल परिषद टेरिटोरियल कॉन्स्टिट्यूएंसी (एमपीटीसीएस), जिला परिषद टेरिटोरियल कॉन्स्टिट्यूएंसी (जेडपीटीसीएस) और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव कराने का फैसला बीसी के लिए 42 फीसदी आरक्षण पर हाई कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद लिया जाएगा।
हाई कोर्ट के आदेशानुसार, स्थानीय निकाय 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के साथ ही कराए जाने चाहिए।
सरकार ने पिछड़े वर्ग को 42 फीसदी आरक्षण देने का आदेश दिया था, और इसी के आधार पर सितंबर में चुनावी प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी। लेकिन, उच्च न्यायालय ने सरकारी आदेश को रद्द कर दिया, इसलिए चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई।
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Created On :   25 Nov 2025 8:30 PM IST












