राष्ट्रीय: झारखंड के गढ़वा में कई सरकारी स्कूलों तक सड़क नहीं, बच्चों को भेजने से डरते हैं अभिभावक

झारखंड के गढ़वा में कई सरकारी स्कूलों तक सड़क नहीं, बच्चों को भेजने से डरते हैं अभिभावक
झारखंड के गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड में करीब एक दर्जन सरकारी विद्यालय ऐसे हैं जहां पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है। इनमें से कई विद्यालयों की स्थापना को लगभग 64 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सड़क नहीं बन पाई है। इसके कारण शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को विद्यालय पहुंचने के लिए खेतों से होकर गुजरना पड़ता है।

गढ़वा, 2 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड के गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड में करीब एक दर्जन सरकारी विद्यालय ऐसे हैं जहां पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है। इनमें से कई विद्यालयों की स्थापना को लगभग 64 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सड़क नहीं बन पाई है। इसके कारण शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को विद्यालय पहुंचने के लिए खेतों से होकर गुजरना पड़ता है।

गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड का बैरियादामर उच्च मध्य विद्यालय इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। स्कूल खेतों के बीच में स्थित है, और यहां के बच्चे खेतों में बनी मेड़ों से होकर स्कूल पहुंचते हैं।

बैरियादामर उच्च मध्य विद्यालय के छात्रों ने बताया कि उनका फसलों और बारिश के समय स्कूल पहुंचना बिल्कुल नामुमकिन हो जाता है। शिक्षक अंबिका माझी ने कहा कि विद्यालय की स्थापना 1959 में हुई थी और 2006 में इसे उच्च करके कक्षा आठवीं तक किया गया। इसके बावजूद आज तक यहां सड़क की व्यवस्था नहीं हो सकी है। बरसात के दिनों में छात्रों को जूते-चप्पल हाथ में पकड़कर विद्यालय जाना पड़ता है, जिससे वे काफी परेशान होते हैं।

शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने सड़क की मांग के लिए अंचल कार्यालय से लेकर विभागीय कार्यालय तक कई बार लिखित शिकायत दी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। प्रधानाध्यापक अंबिका माझी ने कहा, "स्थापना के 64 साल बाद भी यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि और सरकार की उदासीनता के कारण विद्यालय तक सड़कें नहीं बन पाई हैं। हम लोग सड़क के अभाव में घुटन महसूस करते हैं।"

एक अन्य शिक्षक कहते हैं, “हमारे यहां मुख्य समस्या आवागमन की है। इस कारण बच्चे स्कूल नहीं आ पाते हैं। अभिभावक रास्ता न होने की वजह से बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं। फसलों के पकने के समय विद्यालय आने का रास्ता एकदम बंद हो जाता है। ऐसा लगता है कि हम लोग जंगल में घुस रहे हैं। उस समय तो जंगली जानवरों के डर से शिक्षकों को भी स्कूल आने में डर लगता है, बच्चे तो बहुत छोटे हैं। हमने रास्ता बनाने के लिए अपने विभाग और प्रखंड दोनों को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक रास्ता नहीं बना है।“

जिला शिक्षाधिकारी आकाश कुमार ने बताया, “इस मामले में इससे पहले भी विद्यालयों की एसएमसी समितियों के माध्यम से कई बार कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा समय-समय पर ग्राम सभा के प्रस्तावों के माध्यम से भी सड़क बनाने के प्रस्ताव दिए जा चुके हैं। मैं इन विद्यालयों पर विस्तृत रिपोर्ट मंगाऊंगा, जिससे यह पता चल सके कि ग्राम सभा के स्तर पर कोई कार्य हुआ है या नहीं।”

गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों की दुर्दशा और सड़क के अभाव में छात्रों की मुश्किलें सरकार और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी हैं, जिसका समाधान जल्द ही निकालना आवश्यक है।

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Created On :   2 Aug 2024 3:05 PM IST

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