आतंकवाद: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से अलकायदा का खूंखार आतंकी अमीन उल हक गिरफ्तार
गुजरात (पाकिस्तान), 19 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) ने एक बड़े अभियान में गुजरात शहर से प्रतिबंधित अल-कायदा संगठन के एक शीर्ष नेता को गिरफ्तार किया है।
सुरक्षा बलों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अल-कायदा सहित प्रतिबंधित संगठनों के गुर्गों के खिलाफ अपने चल रहे अभियान के तहत ओसामा बिन लादेन के करीबी अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अमीन उल हक की गिरफ्तारी की है।
जानकारी के अनुसार, खुफिया जानकारी पर आधारित यह ऑपरेशन पाकिस्तान के नए सैन्य अभियान अज्म-ए-इस्तेहकाम के तहत चलाया गया।
गिरफ्तार किया गया अमीन उल हक मूल रूप से अफगानिस्तान का रहने वाला है और वह फर्जी दस्तावेजों पर पाकिस्तान में रह रहा था।
सीटीडी के डीआईजी उस्मान गोंडल ने कहा, ''अमीन उल हक की गिरफ्तारी बहुत महत्वपूर्ण है, उसका नाम वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध है। वह अलकायदा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उसने प्रतिबंधित आतंकी संगठन के पुनर्गठन में अहम भूमिका निभाई थी।''
हक 1996 से अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का करीबी था, जिसे 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी सेना ने मार गिराया।
हक को चरमपंथी समूह के शीर्ष लड़ाकों में से एक माना जाता है, जो कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। उसे जनवरी 2001 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था।
नाटो बलों की वापसी के बाद वह अफगानिस्तान भी गया था।
गोंडल ने खुलासा किया कि हक पाकिस्तान में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था। सीटीडी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी के समय उसके पास से पाकिस्तान का फर्जी राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईसी) मिला, जिस पर पंजाब के लाहौर और खैबर पख्तूनख्वा के हरिपुर का पता दर्ज था।
पाकिस्तान ने हाल ही में देश में आतंकी गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए आतंकी समूहों और प्रतिबंधित व्यक्तियों के खिलाफ ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम पाकिस्तान शुरू किया है। यह गिरफ्तारी आतंकवाद के खिलाफ चल रहे प्रयासों में बेहद महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान टीटीपी और उसके सहयोगी समूहों तथा उनके मूल संगठन अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों को अफगान तालिबान से मिल रहे समर्थन पर भी गंभीर चिंता जताता रहा है।
हाल ही में टीटीपी और उसके सहयोगी समूहों द्वारा आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा में बन्नू छावनी पर हाल ही में हुआ हमला भी शामिल है। इसको लेकर इस्लामाबाद ने अफगान राजनयिक को तलब किया और एक गंभीर आपत्ति पत्र जारी किया, जिसमें अफगान तालिबान से उन सभी समूहों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई थी जो अफगानिस्तान की धरती पर स्वतंत्र रूप से मौजूद हैं और पाकिस्तान में अशांति और आतंक फैलाने के लिए काम कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने टीटीपी के साथ शांति समझौते पर बातचीत करने के अफगान तालिबान के सुझाव को खारिज कर दिया है और संकेत दिया है कि अफगान तालिबान अगर आतंकवादी समूहों को सुविधा, समर्थन, आश्रय और धन देना जारी रखता है तो वह अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियान भी शुरू कर सकता है।
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Created On :   19 July 2024 6:21 PM IST