ट्रंप ने किया कुछ ऐसा जिससे ताइवान गदगद, चीन परेशान

ट्रंप ने किया कुछ ऐसा जिससे ताइवान गदगद, चीन परेशान
ताइवान के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के इरादे से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक खास कदम उठाया, जिससे चीन नाराज है। औपचारिक कूटनीतिक रिश्ते न होने के बावजूद नजदीकी को लेकर विरोध भी जता दिया गया है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बीजिंग ताइवान को अपना आइलैंड मानता है और किसी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त करने से इनकार करता है।

बीजिंग, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। ताइवान के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के इरादे से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक खास कदम उठाया, जिससे चीन नाराज है। औपचारिक कूटनीतिक रिश्ते न होने के बावजूद नजदीकी को लेकर विरोध भी जता दिया गया है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बीजिंग ताइवान को अपना आइलैंड मानता है और किसी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त करने से इनकार करता है।

मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ और बीजिंग ने बुधवार को इस पर नाराजगी जाहिर कर दी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 दिसंबर को एक बिल पर दस्तखत किए, जिससे ताइवान की अमेरिका के साथ रिश्तों को मजबूती मिलेगी।

यह 'ताइवान एश्योरेंस इम्प्लिमेंटेशन एक्ट' है, जो अमेरिकी विदेश विभाग को ताइवान के साथ अमेरिकी जुड़ाव के दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के लिए बाध्य करता है। हर पांच साल में यह समीक्षा होगी। ताइवान ने इसकी सराहना की है, जबकि चीन ने इसे 'अस्वीकार्य हस्तक्षेप' बताकर कड़ी आपत्ति जताई है।

पेच ये है कि चीन को ये रास नहीं आ रहा क्योंकि वो ताइवान पर अपना हक समझता है।

2021 में (ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के तहत) तब के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अमेरिकी अधिकारियों और उनके ताइवानी समकक्षों के बीच संपर्क पर लगी रोक हटा दी थी। ये 1979 में वाशिंगटन द्वारा बीजिंग को मान्यता देने के बाद लगाई गई थी।

ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता कैरेन कुओ ने एक बयान में कहा, "यह कानून दिखाता है कि ताइवान के साथ अमेरिका बातचीत को कितनी अहमियत देता है, ताइवान-अमेरिकी रिश्तों को पूरा समर्थन देता है, और लोकतंत्र, आजादी और मानवाधिकार का सम्मान करने के हमारे साझे आदर्शों का एक सच्चा प्रतीक है।"

ताइवान के विदेश मंत्री लिन चिया-लंग ने मीडिया को बताया कि उदाहरण के लिए, गाइडलाइंस की समय-समय पर समीक्षा से ताइवानी अफसरों को बैठकों के लिए संघीय एजेंसियों में जाने की इजाजत मिलेगी, हालांकि कानून में इसका साफ जिक्र नहीं है।

एक ओर ताइवान जहां गदगद है, तो बीजिंग ने जबरदस्त विरोध जताया है। बुधवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन यूनाइटेड स्टेट्स और "चीन के ताइवान क्षेत्र" के बीच किसी भी तरह के 'ऑफिशियल कॉन्टैक्ट' का कड़ा विरोध करता है।

उन्होंने आगे कहा, "ताइवान का मुद्दा चीनी हितों के केंद्र में है और चीन-यूएस रिश्तों में पहली रेड लाइन है जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए।"

चीन ने अमेरिका से ये भी कहा कि कोई भी ऑफिशियल एक्सचेंज ताइवान की आजादी का राग अलापने वाले अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजेगा।

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Created On :   3 Dec 2025 6:24 PM IST

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